"संवेद": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Tiburón.jpg|thumb|शार्क में विद्युत् क्षेत्र (ऍलॅक्ट्रिक फ़ील्ड) में परिवर्तन भांपने का इन्द्रियबोध होता है जिसका इस्तेमाल वह अपना ग्रास पकड़ने के लिए करती है]]
'''संवेद''' या '''इन्द्रियबोध''' (sense) उन शारीरिक क्षमताओं को कहते हैं जिनसे प्राप्त हुए ज्ञान से किसी जीव को अपने वातावरण का [[अवगम|बोध]] होता है। मनुष्यों में पाँच प्रमुख संवेदी अंग (इन्द्रियाँ) हैं- देखना (आँखों से), सुनना (कानों से), छूना (त्वचा से), सूंघना (नाक से) और स्वाद लेना (जीभ से)। किन्तु मनुष्य में इनके अलावा भी बहुत से संवेदों को ग्रहण करने की क्षमता होती है, जैसे [[ताप]] आदि। अन्य जानवरों में अलग इन्द्रियबोध होते हैं, जिसे की कुछ मछलियों में पानी के दबाव के लिए इन्द्रियाँ होती है जिनसे वे आराम से बता पाती हैं के आसपास कोई अन्य मछली हिल रही है के नहीं। कुछ अन्य जानवर पानी में विद्युत् या चुम्बकीय क्षेत्रों में परिवर्तन को भांप लेते हैं - या शिकार करने के लिए बहुत फ़ाएदेमंद होती है क्योंकि हर अन्य जीव अपने इर्दगिर्द विद्युत् क्षेत्र पर प्रभाव डालता है।
== शुबा और बोध में अंतर ==
जैसे ही इन्द्रियाँ अपने वातावरण में किसी चीज के बारे में ज्ञान प्राप्त कर लेती हैं, उस वस्तु का शारीरिक रूप से "इन्द्रियबोध" हो जाता है। अभी [[मस्तिष्क]] ने इसका अर्थ नहीं निकाला होता। मस्तिष्क की कुछ ऐसी चोटें और रोग होतें हैं जिनमें किसी व्यक्ति को चीजें तो दिखती हैं लेकिन उनका बोध नहीं हो पाता। "विज़ुअल ऐग्नोज़िया" नाम के रोग में व्यक्ति चीज देखकर उसका विवरण दे सकता है लेकिन उसे पहचानता नहीं, जैसे एक [[घोड़ा]] देखकर उसकी सटीक चित्र हाथ से बनाने में सक्षम है लेकिन यह नहीं पहचान पता के यह एक घोड़ा है। कारण यह है कि इन व्यक्तियों में इन्द्रियबोध तो बिलकुल ठीक होता है लेकिन [[अवगम]] की प्रक्रिया में कुछ समस्या हुई होती है।
== इन्हें भी देखें ==
* [[अवगम]] (perception)
[[श्रेणी:मनोविज्ञान]]
[[श्रेणी:बोध]]
[[श्रेणी:हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना]]
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