"मारी बर्ड धरती": अवतरणों में अंतर
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'''मारी बर्ड धरती''' (Marie Byrd Land)
मारी बर्ड धरती एक बहुत दुर्गम क्षेत्र है। जब तक सन् १९५९ में [[अंटार्कटिक संधि]] लागू हुई और देशों पर अंटार्कटिका पर नये [[सम्प्रभुता]] के दावे लगाने पर प्रतिबन्ध लगा, तब तक अंटार्कटिका के कई क्षेत्रों पर सम्प्रभुता के दावे लग चुके थे (ध्यान दें कि इन दावों को [[भारत]] सहित दुनिया के कई देश अमान्य ठहराते हैं)। लेकिन मारी बर्ड धरती इतना दुर्गम माना जाता था कि इसपर किसी ने भी दावा नहीं किया। आज भी मारी बर्ड धरती और इस से पूर्व में स्थित एट्स तट (Eights Coast) पर कोई सम्प्रभुता का दावा नहीं है और १६,१०,००० वर्ग किमी (६,२०,००० वर्ग मील) कुल क्षेत्रफल वाला यह क्षेत्र विश्व का सबसे बड़ा ऐसा इलाक़ा है जिसे कोई देश भी अपना नहीं ठहराता।<ref>Huntford, R., 1985, The Last Place on Earth: New York, Atheneum, 567 p.</ref>
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