"गतिपालक चक्र": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1:
[[चित्र:Schwungrad02.jpg|right|thumb|300px|गतिपालक चक्र]]
[[चित्र:Cshaft.gif|right|thumb|300px|इंजनों के क्रैंक शाफ्ट पर लगा गतिपालक चक्र शाफ्ट की गति को लगभग एकसमान बनाये रखता है, यद्यपि शाफ्ट को पिस्टनों से मिलने वाली ऊर्जा लगातार नहीं आती बल्कि रूक-रूक कर आती है]]
'''गतिपालक चक्र''' या फ्लाईह्वील (flywheel) एक घूर्णन करने वाला वाला चक्र (पहिया) है जिसका उपयोग अनेक यन्त्रों में किया जाता है। घूमते हुए इस चक्र में [[गतिज ऊर्जा|घूर्णन की गतिज ऊर्जा]] संग्रहित होती है जिसके कारण यन्त्र पर लगने वाले लोड के अचानक परिवर्तन से भी इसकी गति पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ता। डिजाइन के समय गतिपालक चक्र का [[जड़त्वाघूर्ण]] भी अधिक रखा जाता है ताकि उसके घूर्णन की गतिज ऊर्जा एवं [[कोणीय संवेग]] अधिक रहें क्योंकि इनके अधिक रहने से यह चक्र अपने कोणीय वेग में परिवर्तन का विरोध आसानी से कर पाता है। गतिपालक चक्र में संग्रहित गतिज ऊर्जा उसके जड़त्वाघूर्ण एवं कोणीय वेग के वर्ग के गुणनफल के समानुपाती होती है।
:<math>W_k=\frac{1}{2} J \omega^2</math>)
|