"रैखिक क्रमादेशन": अवतरणों में अंतर

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==इतिहास==
सन १९३९ में लिओनिद कान्तोरोविच (Leonid Kantorovich) ने प्रथम रैखिक प्रोग्रामन समस्या निर्मित की थी। उन्होने इस समस्या के हल की विधि भी प्रस्तुत की थी। उन्होने इसे [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] के समय विकसित किया था जिसका उद्देश्य युद्ध में सेना के खर्चे को कम करना था।
 
==मानक स्वरूप==
''मानक रूप'' (Standard form), रैखिक क्रमादेशन समस्या के वर्णन का सबसे अच्छा तरीका है। रैखिक प्रोग्रामिंग की समस्या के तीन भाग होते हैं।
* एक ''' रैखिक फलन का अधिकतमीकरण''' (linear function to be maximized)
: जैसे <math> f(x_{1},x_{2}) = c_1 x_1 + c_2 x_2</math>
* '''समस्या की शर्तें''' (Problem constraints), जो कुछ इस प्रकार के होते हैं-
: जैसे
:: <math>\begin{matrix}
a_{11} x_1 + a_{12} x_2 &\leq b_1 \\
a_{21} x_1 + a_{22} x_2 &\leq b_2 \\
a_{31} x_1 + a_{32} x_2 &\leq b_3 \\
\end{matrix}</math>
* '''वे चर जिनका मान केवल धनात्मक हो सकता है''' (Non-negative variables)
: जैसे.
:: <math>\begin{matrix}
x_1 \geq 0 \\
x_2 \geq 0
\end{matrix}</math>
 
रैखिक क्रमादेशन की समस्या को प्रायः [[मैट्रिक्स]] के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है, तब समस्या का रूप यह हो जाता है-
: <math>\max \{ \mathbf{c}^\mathrm{T} \mathbf{x} \;|\; A \mathbf{x} \leq \mathbf{b} \and \mathbf{x} \geq 0 \}</math>
 
अन्य प्रकार की रैखिक क्रमानुदेशन समस्याएं (जैसे न्यूनीकरण समस्या, दूसरे प्रकार की शर्तें, ऋणात्मक चर मानों वाली समस्याएँ आदि) हमेशा उपरोक्त मानक रूप में बदलकर लिखी सकतीं हैं।
 
===उदाहरण===
 
==इन्हें भी देखें==