"विट्ठलनाथ": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Vallabhacharya.jpg|अंगूठाकार|विट्टलनाथ के पिता वल्लभचार्य की तस्वीर]]
'''विट्ठलनाथ''' [[वल्लभ संप्रदाय]] के प्रवर्तक श्री [[वल्लभाचार्य]] जी के द्वितीय पुत्र थे। गुसाईं विट्ठलनाथ का जन्म [[काशी]] के निकट चरणाट ग्राम में पौष कृष्ण नवमी को संवत्‌ १५७२ (सन्‌ १५१५ ई.) में हुआ। इनका शैशव काशी तथा [[प्रयाग]] के निकट अरैल नामक स्थान में व्यतीत हुआ। काशी में रहकर इन्होंने अपने शास्त्रगुरु श्री माधव सरस्वती से वेदांत आदि शास्त्रों का अध्ययन किया। अपने ज्येष्ठ भ्राता गोपीनाथ जी के अकाल कवलित हो जाने पर संवत्‌ १५९५ में संप्रदाय की गद्दी के स्वामी बनकर उसे नया रूप देने में लीन हो गए। धर्मप्रचार के लिए इन्होंने दो बार गुजरात की यात्रा की और अनेक धर्मप्रेमियों का वैष्णव धर्म में दीक्षित किया।