"भूवैज्ञानिक समय-मान": अवतरणों में अंतर

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'''भूवैज्ञानिक समय-मान''' (geologic time scale) [[कालानुक्रमिक]] [[मापन]] की एक प्रणाली है जो [[स्तरिकी]] (stratigraphy) को समय के साथ जोड़ती है। यह एक स्तरिक सारणी (stratigraphic table) है। [[भूवैज्ञानिक]], [[जीवाश्मवैज्ञानिक]] तथा [[पृथ्वी]] का अध्ययन करने वाले अन्य वैज्ञानिक इसका प्रयोग धरती के सम्पूर्ण इतिहास में हुई सभी घटनाओं का समय अनुमान करने के लिये करते हैं। जिस प्रकार चट्टानो के अधिक पुराने स्तर नीचे होते हैं तथा अपेक्षाकृत नये स्तर उपर होते हैं, उसी प्रकार इस सारणी में पुराने काल और घटनाएँ नीचे हैं जबकि नवीन घटनाएँ उपर (पहले) दी गई हैं। विकिरणमितीय प्रमाणों (radiomeric evidence) से पता चलता है पृथ्वी की आयु लगभग 4.54 [[अरब (संख्या)|अरब]] वर्ष है।<ref name="USGS1997">{{cite web | date=1997 | title=Age of the Earth | url=http://pubs.usgs.gov/gip/geotime/age.html | publisher=U.S. Geological Survey | accessdate=2006-01-10| archiveurl= http://web.archive.org/web/20051223072700/http://pubs.usgs.gov/gip/geotime/age.html| archivedate= 23 December 2005 <!--DASHBot-->| deadurl= no}}</ref><ref>{{cite journal | last=Dalrymple | first=G. Brent | title=The age of the Earth in the twentieth century: a problem (mostly) solved | journal=Special Publications, Geological Society of London | date=2001 | volume=190 | issue=1 | pages=205–221 | doi=10.1144/GSL.SP.2001.190.01.14 |bibcode = 2001GSLSP.190..205D }}</ref>
 
== भूगर्भिकभूवैज्ञानिक काल एवं उनका निर्धारण ==
भूगर्भिकभूवैज्ञानिक कालों का निर्धारण सहजकरना कार्यसहज नहीं है। इस दिशा में अनेक विद्वानों ने, समय-समय पर, अनेक सिद्धांत उपस्थित किए हैं। इन कालों (महाकल्पों, कल्पों तथा युगों) के विभाजन का पारम्परिक आधार यूरोपीय एवं उत्तरी अमरीका के तटवर्ती सागरों की तलहटियों में हुए परिवर्तन हैं। कालों का विभाजन करनेवाली सीमाएँ वास्तविक न होकर मात्र सुविधानुसार हैं।
 
अकशेरुकीय जंतुओं के जीवन में परिवर्तन अथवा अवसादों के निक्षेपण में व्यवधान को लक्ष्य करके कालों को विभाजित कर लिया गया है। [[कैम्ब्रियन कल्प]] से लेकर [[नूतन महाकल्प]] तक, अनुमानतः, 50 करोड़ वर्षों का विस्तार रहा है। शिलाखंडों की पहचान कर लेने के बाद सबसे प्राचीन खंड की आयु तीन अरब वर्ष पूर्व की आँकी गई है। कैम्ब्रियन काल में ही पहली बार [[जीवाश्म]] दिखलाई पड़ते हैं; उनकी आयु 50 करोड़ पूर्व मानी गई है। इसका यह अर्थ नहीं निकालना चाहिए कि इसके पूर्व पृथ्वी पर जीवन था ही नहीं। जीवन अवश्यमेव था, नहीं तो जीवाश्म कहाँ से प्राप्त होते। यह दूसरी बात है कि जीवन के उस आदिम काल के प्रमाण हमें उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि उनका क्रमिक उद्विकास हो रहा था।