"महावीर (गणितज्ञ)": अवतरणों में अंतर

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* १ को इकाई भिन्नों (unit fractions) के योग के रूप में अभिव्यक्त करने के लिये निम्नलिखित नियम दिया है- ( इसका उदाहरण श्लोक ७६ में दिया है।)
 
: ''रूपांशकराशीनां रूपाद्यास्त्रिगुणिता हरःहराः क्रमशः ।
: ''द्विद्धिभ्रंशाभ्यस्तावादिमचरमौद्विद्वित्र्यंशाभ्यस्ताव आदिमचरमौ फले रूपे ॥'' (गतिणसारसंग्रह कलासवर्ण ७५)
 
: '''अर्थ''' : जब फल (result) १ हो तो १ अंश वाले भिन्न, जिनके हर १ से शुरू होकर क्रमशः ३ से गुणित होते जायेंगे। प्रथम और अन्तिम को (क्रमशः) २ तथा २/३ से गुणा किया जायेगा।