"पराश्रव्य": अवतरणों में अंतर

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'''पराश्रव्य''' (ultrasound) शब्द उसउन [[ध्वनितरंग|तरंगों]] के लिए उपयोग में लाया जाता है जिसकी [[आवृत्ति]] इतनी अधिक होती है कि वह [[मनुष्य]] के कानों को सुनाई नहीं देती। साधारणतया मानव श्रवणशक्ति का परास २० से लेकर २०,००० कंपन प्रति सेकंड तक होता है। इसलिए २०,००० से अधिक आवृत्तिवाली ध्वनि को पराश्रव्य कहते हैं। अर्वाचीन विधियों द्वारा अब लगभग १०९ कंपन प्रति सेकंड वाली पराश्रव्य ध्वनि का उत्पादन संभव हो गया है। क्योंकि मोटे तौर पर ध्वनि का वेग [[गैस]] में ३३० मीटर प्रति सें., द्रव में १,२०० मी. प्रति सें. तथा ठोस में ४,००० मी. प्रति से. होता है, अतएव पराश्रव्य ध्वनि का तरंगदैर्ध्य साधारणतया १० - ४ सेंमी. होता है। इसकी सूक्ष्मता प्रकाश के तरंगदैर्ध्य के तुल्य है। अपनी सूक्ष्मता के ही कारण ये तरंगें उद्योग धंधों तथा अन्वेषण कार्यों में अति उपयुक्त सिद्ध हुई हैं और आजकल इनका महत्व अत्यधिक बढ़ गया है।
 
नीचे के चित्र में अपश्रव्य (infrasound), श्रव्य (audible) और पराश्रव्य (ultrasound) तरंगें और उनकी आवृत्ति का परास (रेंज) दिखाया गया है :
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== इन्हें भी देखें ==
* [[सोनोग्राफी]] या [[पराश्रव्य चित्रण]]
* [[अपश्रव्य]]
 
== बाहरी कड़ियाँ ==