"संवेग (भौतिकी)": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Collision carts elastic.gif|thumb|समान द्रव्यमान के दो पिण्डों (''m''<sub>1</sub> = 4 kg, ''u''<sub>1</sub> = 5 m/s, ''m''<sub>2</sub> = 4 kg, ''u''<sub>2</sub> = 0 m/s) के प्रत्यास्थ संघट्ट ; संघट्ट के पूर्व सम्पूर्ण संवेग प्रथम पिण्ड में है, संघट्ट के बाद वह सारा संवेग दूसरे पिण्ड में चला जाता है।]]
[[चित्र:Collisioncartsm1greatergreaterthanm2.gif|thumb|दो अत्यधिक असमान द्रव्यमान वाले पिण्डों (''m''<sub>1</sub> = 1000 kg, ''u''<sub>1</sub> = 5 m/s, ''m''<sub>2</sub> = 0,1 kg, ''u''<sub>2</sub> = 0 m/s) का प्रत्यास्थ संघट्ट ; इस संघट्ट में संवेग का बहुत कम अन्तरण (ट्रान्सफर) होता है क्योंकि हल्का पिण्ड थोड़ा सा संवेग पाकर ही तेज गति से निकल जाता है। बड़े द्रव्यमान वाले पिण्ड का संवेग बहुत कम परिवर्तित होता है।]]
[[चित्र:Inelastischer stoß.gif|अंगूठाकार|समान द्रव्यमान वाले दो पिण्डों का '''अप्रत्यास्थ संघट्ट''']]
[[चित्र:Billard.JPG|thumb|पूल (क्यू खेल) में, रेखीय संवेग संरक्षण संरक्षित रहता है; जैसे कि, जब संघट के बाद जब एक गेंद रुकती है, दूसरी गेंद समान संवेग के साथ दूर चली जाती है। यदि गतिशील गेंद गति करे या सामान्य से थोडी मुड़ जाती है तो दोनों गेंदे संघट्ट के बाद अपने आंशिक संवेग के साथ गतिशील रहेंगी।]]