"चौरासी वैष्णवन की वार्ता": अवतरणों में अंतर

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'''चौरासी वैष्णवन की वार्ता''', [[ब्रजभाषा]] में लिखित गद्य ग्रन्थ है। इसमें [[वल्लभाचार्य|महाप्रभु वल्लभाचार्य]] जी के [[पुष्टिमार्ग|पुष्टि सम्प्रदाय]] के शिष्यों की कथाएँ (जीवन चरित) संकलित हैं। इसके रचयिता के सम्बन्ध में विद्वानों में मतभेद है।
 
यह ग्रन्थ तहा अन्य 'वार्ता ग्रन्थ' ('दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता' तथा 'अष्ट सखान की वार्ता') ब्रजभाषा साहित्य के प्राचीन महाकवियों के जीवन वृत्तांत प्रकट करने के कारण तो महत्वपूर्ण हैं ही, किंतु उनका महत्व इसलिए और भी अधिक है कि वे ब्रजभाषा की आरंभिक [[गद्य]] रचनाएँ हैं। यदि ये पुस्तकें प्रामाणित हैं, तो इनसे सत्रहवीं शताब्दी के ब्रजभाषा गद्य का रुपरूप ज्ञात हो सकता है। इन पुस्तकों में दी हुई वार्ताओं में उस समय की धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक स्थिति पर भी बड़ा महत्वपूर्ण प्रकाश पड़ता है, इसलिए उनका ऐतिहासिक महत्व भी कुछ कम नहीं है।<ref>[http://www.ignca.nic.in/coilnet/brij405.htm वार्ता साहित्य और अष्टछाप]</ref>
 
==सन्दर्भ==