"नेपाली भाषाएँ एवं साहित्य": अवतरणों में अंतर

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[[भानुभक्त]] की नेपाली भाषा का स्वल्प परिचय उनकी रामायण के एक निम्नांकित छंद से मिल सकता है-
 
:'''अत्रीका आश्रममा बसि रघुपतिले प्रेमले दिन् बिताईबिताई। '''
:'''दोस्रा दिन्मा सवेरै उठिकन बनमा जान मन्सुब्चिताई ॥'''
:'''अत्रीजीका नजिक्मा गइकन अब ता जान्छु बिदा म पाऊँपाऊँ। '''
:'''रास्ता यो जाति होला भनिकन कहन्या एक् अगूवा म पाउँ ॥'''