"आलू बुख़ारा": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Plums hanging.jpg|thumb|190px|पेड़ पर लटकते आलू बुख़ारे]]
[[चित्र:Mirabellen.jpg|thumb|190px|पीले रंग के [[मिराबॅल आलू बुख़ारे]]]]
'''अलूचा''' या आलू बुखारा
'''आलू बुख़ारा''' एक [[गुठलीदार फल]] है। आलू बुख़ारे लाल, काले, पीले और कभी-कभी हरे रंग के होते हैं। आलू बुख़ारों का ज़ायका मीठा या खट्टा होता है और अक्सर इनका पतला छिलका अधिक खट्टा होता है। इनका गूदा रसदार होता है और इन्हें या तो सीधा खाया जा सकता है या इनके [[मुरब्बे]] बनाए जा सकते हैं। इनके रस पर खमीर उठने पर आलू बुख़ारे की [[शराब]] भी बनाई जाती है। सुखाए गए आलू बुख़ारों को बहुत जगहों पर खाया जाता है और उनमें ऑक्सीकरण रोधी (ऐन्टीआक्सडन्ट) पदार्थ होते हैं जो कुछ रोगों से शरीर को सुरक्षित रखने में मददगार हो सकते हैं। आलू बुख़ारों की कई क़िस्मों में कब्ज़ का इलाज करने वाले (यानि जुलाब के) पदार्थ भी होते हैं।
यह खटमिट्ठा फल भारत के पहाड़ी प्रदेशों में होता है। अलूचा के सफल उत्पादन के लिए ठंडी जलवायु आवश्यक है। देखा गया है कि उत्तरी भारत की पर्वतीय जलवायु में इसकी उपज अच्छी हो सकती है। मटियार, दोमट मिट्टी अत्यंत उपयुक्त है, परंतु इस मिट्टी का जलोत्सारण (ड्रेनेज) उच्च कोटि का होना चाहिए।
अलूचा का वर्गीकरण फल पकने के समयानुसार होता है :
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