"ऊर्जा संरक्षण": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: वर्तनी एकरूपता।
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== घर में ऊर्जा संरक्षण के उपाय ==
 
* जब उपयोग में न हो, बल्ब बुझा दें।
* ट्यूब लाईट, बल्बों तथा अन्य उपकरणों पर जमी हुई धूल को नियमित रूप से साफ करें।
* हमेशा आईएसआई मुहर लगे बिजली उपकरणों और साधनों का प्रयोग करें।
* अपनी ट्यूब लाइट और बल्बों को ऐसी जगह लगाएँ जहाँ प्रकाश आने में दिक्कत न हो।
* ऊर्जा बचाने के लिए सीएफएल बल्ब का प्रयोग करें।
 
'''सीएफएल क्यों?'''
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सीएफएल कुछ महँगा है परन्तु यह छोटा, सस्ता, अधिक रोशनी देनेवाला और विकसित रंगगुणवत्ता वाला होता है। विशिष्ट रूप से 23 वाट का काम्पैक्ट फ्लूरेसेन्ट बल्ब 90 प्रतिशत कम बिजली की खपत करते हुए साधारण बल्ब की तुलना में अच्छी रोशनी प्रदान करता है।
 
अपने घरों में फ्लूरेसेन्ट बल्ब का उपयोग प्रतिदिन चार घंटे से अधिक करें। प्रतिदिन चार घंटे से अधिक जलने वाले दो 75 वाट के बल्बों की जगह 15 वाट के ऊर्जा बचत लैंप को जलायें। इस तरह आप प्रतिदिन लगभग 18 किलोवाट बिजली बचा सकते हैं।
 
'''खाना बनाना'''
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; जल को पंपिंग के माध्यम से बाहर निकालना
* इन पम्प सेटों की कार्यक्षमता में छोटे-बड़े संशोधनों सहित 25 से 35 प्रतिशत के सुधार की संभावना होती है, जैसे इसकी जगह आईएसआई वाले पम्पों को प्रयोग में लाना।
* बड़े वॉल्व के चलते विद्युत / डीज़ल बचाने में मदद मिलती है क्योंकि कुँआ से पानी बाहर निकालने में अल्प ईंधन व ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
* पाईप में घुमाव व गाँठ जितना कम होगा, उसी मात्रा में ऊर्जा को भी बचाया जा सकता है।
* किसान पाईप की ऊँचाई को 2 मीटर तक कम करके डीजल की बचत कर सकते हैं।
* पम्प अधिक कारगर तब होता है जब उसकी ऊँचाई कुएं के जल स्तर से 10 फीट से अधिक न हों।
* अच्छी गुणवत्ता वाले पीवीसी सेक्शन पाईप का इस्तेमाल करें ताकि 20 प्रतिशत तक की ऊर्जा व विद्युत को बचाया जा सके।
* निर्माणकर्ता के निर्देशानुसार पम्प सेटों में नियमित तौर पर तेल व ग्रीस का प्रयोग किया जाना चाहिए।
* वोल्टेज व ऊर्जा संरक्षण की स्थिति को सुधारने के लिए मोटर सहित उपयुक्त आईएसआई मार्क वाले कैपासिटर का प्रयोग करना चाहिए।
* दिन के समय बल्बों को बंद रखें।
 
== उर्जा संरक्षण : कुछ जानकारियाँ==