"भूगोलीय निर्देशांक प्रणाली": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Geographic coordinates sphere.svg|thumb|अक्षांश ''फ़ाई'' (φ) एवं देशान्तर ''लैम्ब्डा'' (λ)]]<!-- this image needs to be redrawn -->
 
[[अक्षांश]] (अंग्रेज़ी:लैटिट्यूड, ''Lat''., φ, या फ़ाई) पृथ्वी की सतह पर एक बिन्दु से [[भूमध्य रेखा|भूमध्यीय समतल]] तक बना कोण होता है, जिसे ग्लोब के केन्द्र पर नापा जाता है। समान अक्षांश बिन्दुओं को जोड़ने वाली रेखाओं को [[अक्षांश रेखाएं]] कहते हैं। अक्षांश की रेखाएं इस प्रक्षेप में क्षैतिज एवं सीधी प्रतीत होती हैं, परंतु वे भिन्न अर्धव्यासों वाली और वृत्तीय होती हैं। एक अक्षांश पर स्थित सभी स्थान एकसाथ जुड़कर अक्षांश का वृत्त बनाते हैं। ये सभी वृत्त [[भूमध्य रेखा]] के समानांतर होते हैं। इनमें भौगोलिक [[उत्तरी ध्रुव]] ९०° उत्तर कोण पर रहता है; व भौगोलिक [[दक्षिणी ध्रुव]] ९०° दक्षिण कोण पर। शून्य अंश (0°) अक्षांश रेखा को [[भूमध्य रेखा]] कहते हैं। ये ग्लोब को उत्तरी व दक्षिणी, दो गोलार्धों में बांटती है।
 
[[देशांतर]] (अंग्रेज़ी:लॉन्गीट्यूड, ''Long''., λ, या लैम्ब्डा) दोनों भूगोलीय ध्रुवों के बीच खींची हुई काल्पनिक मध्याह्न रेखाओं का [[प्रधान याम्योत्तर|सन्दर्भ देशांतर]] रेखा से पूर्व या पश्चिम में बना कोण होता है और जो मध्याह्न रेखा जिस बिंदु या स्थान से गुजरती है उसका कोणीय मान उस स्थान का देशांतर होता है। सभी देशांतर रेखाएं अर्ध-वृत्ताकार होती हैं। ये समांनांतर नहीं होती हैं व उत्तरी व दक्षिणी ध्रुवों पर अभिसरित होकर मिल जाती हैं।