"नव्य न्याय": अवतरणों में अंतर

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गंगेश उपाध्याय ने [[श्रीहर्ष]] के [[खण्डनखण्डखाद्यम्]] नामक पुस्तक के विचारों के विरोध में अपनी पुस्तक [[तत्वचिन्तामणि]] की रचना की। खण्डनखण्डखाद्यम् में [[अद्वैत वेदान्त]] का समर्थन एवं [[न्याय दर्शन]] के कतिपय सिद्धान्तों का खण्डन किया गया था।
 
==इन्हें भी देखें==
*[[तत्त्वचिन्तामणि]]
*[[गंगेश उपाध्याय]]
 
==बाहरी कड़ियाँ==
*[https://archive.org/details/Khandana-Khanda-Khadya.by.Sri.Harsa श्रीहर्ष का खण्डनखण्डखाद्यम्]]
 
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