"अहिल्या": अवतरणों में अंतर
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दोनों कथाओं में प्रमुख अंतर यह है कि अलक्मीनी के साथ संसर्ग द्वारा हरक्यूलीज जैसी संतान की उत्पत्ति के कारण से ज़्यूस का कार्य न्यायोचित ठहराया जाता है और और अलक्मीनी पर भी कोई आरोप दुष्चरित्रा होने का नहीं लगता; अहल्या के कार्य को कामुक आचरण मानकर न केवल उसे इसके लिये बुरा साबित किया जाता है बल्कि शाप के रूप में सज़ा भी प्राप्त होती है।{{sfn|Söhnen|1991|pp=73–4}}{{sfn|Doniger|1999|pp=124–5}}
==सन्दर्भ==
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== बाहरी कड़ियाँ ==
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