"भूकम्प": अवतरणों में अंतर
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पृथ्वी की सतह पर, भूकंप अपने आप को, भूमि को हिलाकर या विस्थापित कर के प्रकट करता है। जब एक बड़ा भूकंप [[उपरिकेंद्र]] अपतटीय स्थति में होता है, यह समुद्र के किनारे पर पर्याप्त मात्रा में विस्थापन का कारण बनता है, जो [[सूनामी]] का कारण है। भूकंप के झटके कभी-कभी भूस्खलन और ज्वालामुखी गतिविधियों को भी पैदा कर सकते हैं।
सर्वाधिक सामान्य अर्थ में, किसी भी सीस्मिक घटना का वर्णन करने के लिए ''भूकंप'' शब्द का प्रयोग किया जाता है, एक प्राकृतिक [[घटना]]]) या मनुष्यों के कारण हुई कोई घटना -जो [[भूकंपी तरंग|सीस्मिक तरंगों]] ) को उत्पन्न करती है। अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं, भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यतः गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन और नाभिकीय परिक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं।
भूकंप के उत्पन्न होने का प्रारंभिक बिन्दु [[अवकेन्द्र|केन्द्र]] या [[हाईपो सेंटर]] कहलाता है। शब्द [[उपरिकेंद्र]] का अर्थ है, भूमि के स्तर पर ठीक इसके ऊपर का बिन्दु।
[[चित्र:Quake epicenters 1963-98.png|thumb|300px| १९६३-१९९८ के भूकंपों के [[उपरिकेंद्र]]
[[चित्र:Global plate motion 2008-04-17.jpg|thumb|300px|right|ग्लोबल प्लेट टेक्टोनिक मूवमेंट]]
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[[चित्र:Fault types.png|thumb|right|दोष के प्रकार]]
टेक्टोनिक भूकंप भूमि के ऐसे किसी भी स्थान पर आ सकता है, जहाँ पर्याप्त मात्रा में संग्रहीत प्रत्यास्थता तनाव उर्जा होती है जो [[समतल दोष]] के साथ भू-भंग उत्पन्न करती है।[[रूपांतरण सीमा|रूपांतरित]] या [[अभिकेंद्रित सीमा|अभिकेंद्रित]] प्रकार की प्लेट सीमाओं के मामलों में, जो धरती पर सबसे बड़ी दोष सतह बनते हैं, वे एक दूसरे को सामान्य रूप से और [[असीस्मिक धीमी तरंग|असीस्मिक रूप]] से हिलाते हैं, ऐसा केवल तभी होता है जब सीमा के साथ किसी प्रकार की अनियमितता न हो जो घर्षण के कारण प्रतिरोध को बढाती है। अधिकांश सतहों में इस प्रकार की अनियमितताएं होती हैं और यह [[स्टिक -स्लिप घटना|स्टिक-स्लिप व्यवहार]] का कारण बनती हैं। एक बार जब सीमा बंद हो जाती है, प्लेटों के बीच में सतत सापेक्ष गति तनाव को बढ़ा देती है, इसलिए, दोष सतह के चारों और के स्थान में तनाव उर्जा संगृहीत हो जाती है। यह तब तक जारी रहता है जब तनाव पर्याप्त मात्रा में बढ़कर अनियमितता को उत्पन्न करता है और दोष सतह की बंद सीमा के ऊपर अचानक भूमि खिसकने लगती है, संग्रहीत ऊर्जा मुक्त होने लगती है। यह ऊर्जा विकिरित प्रत्यास्थ [[तनाव (पदार्थ विज्ञान)|तनाव]] [[भूकंपी तरंगों|भूकंपीय तरंगों]], दोष सतह पर घर्षण की उष्मा और चट्टानों में दरार पड़ने, के सम्मिलित प्रभाव के कारण मुक्त होती है और इस प्रकार भूकंप का कारण बनती है। तनाव के बनने की यह क्रमिक प्रक्रिया, अचानक भूकंप की विफलता के कारण होती है इसे [[प्रत्यास्थता-पुनर्बंधन सिद्धांत]] कहते हैं। यह अनुमान लगाया गया है
सभी टेक्टोनिक प्लेट्स में आंतरिक दबाव क्षेत्र होते हैं जो अपनी पड़ोसी प्लेटों के साथ अंतर्क्रिया के कारण या तलछटी लदान या उतराई के कारण होते हैं। (जैसे deglaciation) .ये तनाव उपस्थित दोष सतहों के किनारे विफलता का पर्याप्त कारण हो सकते हैं, ये [[अन्तर प्लेट भूकंप|अन्तःप्लेट भूकंप]] को जन्म देते हैं।
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| format= pdf
| accessdate = 1 अगस्त 2008 }}
</ref> आ सकते हैं। सीस्मिक रूप से subduction के ये सक्रीय क्षेत्र [[Wadati - Benioff क्षेत्र]] स कहलाते हैं। गहरे केन्द्र के भूकंप उस गहराई पर उत्पन्न होते हैं जहाँ उच्च तापमान और दबाव के कारण subducted [[स्थलमंडल]] भंगुर नहीं होना
{{cite journal
| last = Greene
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=== भूकंप समूहों ===
एक क्रम में होने वाले अधिकांश भूकंप, स्थान और समय के संदर्भ में एक दूसरे से सम्बंधित हो सकते हैं।
==== भूकंप झुंड ====
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=== भूस्खलन और हिम स्खलन ===
भूकंप, [[भूस्खलन]] और [[हिमप्रपात|हिम स्खलन]] पैदा कर सकता है, जो पहाड़ी और पर्वतीय इलाकों में क्षति का कारण हो सकता है।
एक भूकंप के बाद, किसी लाइन या [[विद्युत शक्ति]] के टूट जाने से [[अग्नि|आग]] लग सकती है। यदि जल का मुख्य स्रोत फट जाए या दबाव कम हो जाए, तो एक बार आग शुरू हो जाने के बाद इसे फैलने से रोकना कठिन हो जाता है।
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== धर्म और पौराणिक कथाओं में भूकंप ==
[[Norse पौराणिक कथाओं]] में, भूकंप को देवता [[Loki]] के हिंसक संघर्ष के रूप में बताया गया है। जब शरारत और संघर्ष के [[Aesir|देवता]] लोकी ने, सौंदर्य और प्रकाश के देवता [[Baldr]] की हत्या कर दी, उसे दण्डित करने के लिए एक गुफा में बंद कर दिया गया, उसके पर एक जहरीला सांप रख दिया गया, जिससे उसके सर पर जहर टपक रहा था।Loki की पत्नी [[Sigyn]] उसके पास एक कटोरा लेकर खड़ी हो गई जिसमें वह जहर इकठ्ठा कर रही थी, लेकिन जब भी वह कटोरे को खाली करती, जहर लोकी के चेहरे पर गिर जाता, तब वह उसे बचाने के लिए उसके सर पर दूसरी और धक्का देती, जिससे धरती कांपने लगती.<ref>[[गद्य ईडा]] के द्वारा [[Snorri Sturluson]]
[[यूनानी धर्म|ग्रीक पौराणिक कथाओं]] में [[वरुण (ग्रह)|नेप्चून]] भूकंप के देवता थे। <ref>[http://www.theoi.com/Olympios/Poseidon.html नेप्चून : समुद्र और भूकंप के ग्रीक देवता, पौराणिक कथाओं ; चित्र : नेपच्यून<!-- Bot generated title -->]</ref>
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* [http://www.youtube.com/watch?v=9fOGqjGD43E विनाशकारी भूकम्पों आने का मुख्य कारण]
=== शिक्षा-संबंधी ===
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* [http://www.edu4hazards.org/earthquake.html भूकंप में कैसे रहा जाए -- बच्चों और युवाओं के लिए गाइड]
* [http://www.geo-world.org/earthquake भूकंप और प्लेट टेकतोनिक्स के लिए मार्गदर्शन ]
* [http://pubs.usgs.gov/gip/earthq1/ "भूकंप '' ]
* [http://pubs.usgs.gov/gip/earthq4/severitygip.html एक भूकंप की गंभीरता ]
* [http://earthquake.usgs.gov/faq/ USGS भूकंप पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न]
* [http://www.iris.edu/seismon/ आईआरआईएस भूकंपी मॉनिटर]
* [http://earthquake.usgs.gov/eqcenter/recenteqsww/ विश्व में नवीनतम भूकंप ]
* [http://www.whoi.edu/page.do?pid=12460 गहरे समुद्र अन्वेषण संस्थान से भूकंप की जानकारी.] [[वुड होल समुद्र विज्ञान संस्थान]] ([[:en:Woods Hole Oceanographic Institution|Woods Hole Oceanographic Institution]])
* [http://www.geo.mtu.edu/UPSeis/locating.html भू .Mtu .Edu]
* [http://nisee.berkeley.edu/elibrary/browse/kozak?eq=5234 ऐतिहासिक भूकम्पों की तस्वीरें और छवियाँ. ]
* [http://www.earthquakecountry.info/ earthquakecountry.info] भूकंपों और भूकंप की तैयारियों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर देता है।
* [http://www.guardian.co.uk/flash/0, ५८६०, ११२१६१०, ०० . html इंटरएक्टिव मार्गदर्शिका : भूकंप ] --[[गार्जियन असीमित]] ([[:en:Guardian Unlimited|Guardian Unlimited]]) के द्वारा एक शिक्षा सम्बन्धी प्रदर्शन.
* [http://geowall.geo.lsa.umich.edu/visualization.html Geowall ] —भूकंप के आंकड़े
* [http://www.sciencecourseware.com/VirtualEarthquake/ आभासी भूकंप ]- शिक्षा से सम्बंधित साईट स्पष्ट करती हैं
* [http://science.howstuffworks.com/earthquake.htm HowStuffWorks -- भूकंप कैसे कार्य करता है।]
* [http://archives.cbc.ca/IDD-1-75-1561/science_technology/earthquakes_and_tsunamis/ सीबीसी डिजिटल अभिलेखागार -- कनाडा के भूकंप और सुनामिस ]
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* [http://iisee.kenken.go.jp/ इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सीस्मोलोजी एंड अर्थ क्वेक इंजीनियरिंग (IISEE)]
* [http://www.kenken.go.jp/english/index.html निर्माण अनुसंधान संस्थान]
* [http://iisee.kenken.go.jp/utsu/ दुनिया में आए भूकंप से हुई क्षति का डाटा बेस, प्राचीन काल (३००० ई.पू.) से वर्ष २००६ ]
* [http://weathernews.jp/quake/ वेदर न्यूज़ इंक (पिछले 7 दिनों के दौरान भूकंपी गतिविधि)], जापानी भाषा में .
** [http://weathernews.com/wpfglobal.xbap Weathernews इंक ग्लोबल वेब साइट]
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* [http://rev.seis.sc.edu REV के द्वारा हाल ही में आए भूकंप के Seismograms, तीव्र भूकंप के Viewer]
* [http://www.iris.edu इन्कोर्पोरेटेड रिसर्च इंस्टीटूशन फॉर सिस्मोलोजी (IRIS)],
* [http://www.iris.edu/seismon/ आईआरआईएस भूकंपी मॉनिटर]
* [http://www.iris.edu/seismo/ SeismoArchives]
=== भूकंप पैमाने ===
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* [http://neic.usgs.gov/neis/eqlists/10maps_world.html USGS -- १९०० के बाद से दुनिया में आए सबसे बड़े भूकंप ]
* [http://www.emsc-csem.org/ EMSC ऍउरोपेअन ंएदितेर्रनेअन शेइस्मोलोगिचल क्केन्त्रे]
* [http://www.armageddononline.org/earthquake.php भूकंप से तबाही ]
* [http://www.losangelesearthquakes.com लॉस एंजिल्स भूकंप एक गूगल मानचित्र पर बनाया गया ]
* [http://www.em-dat.net the EM-DAT इंटर नेशनल डिसास्टर डाटा बेस ]
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* [http://earthquake.usgs.gov/eqcenter/recenteqsww/ हाल ही में दुनिया भर में आए भूकंप ]
* [http://www.aus-emaps.com/earthquakesRSS.php गूगल मानचित्र पर ऑस्ट्रेलिया और शेष विश्व में रियल टाइम भूकंप ]
* [http://earthquakedb.com भूकंप सूचना]
* [http://kharita.rm.ingv.it/Gmaps/rec/en/index.htm Kharita - INGV पोर्टल फॉर डिजीटल कार्तो ग्राफी ] -आई एन जी वि इटली नेटवर्क के द्वारा दर्ज आखिरी भूकंप (Google Maps के साथ)
* [http://kharita.rm.ingv.it/Gmaps/reg/en/index.htm Kharita - INGV पोर्टल फॉर डिजीटल कार्तो ग्राफी ] -क्षेत्र के द्वारा इटेलियन सीस्मिसिति १९८१ -२००६ (Google Maps के साथ)
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[[श्रेणी:भूविज्ञान]]▼
[[श्रेणी:भूवैज्ञानिक संकट]]▼
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भूपटल में होने वाली आकस्मिक कंपन या गति जिसकी उत्पत्ति प्राकृतिक रूप से भूतल के नीचे (भूगर्भ में) होती है। भूगर्भिक हलचलों के कारण भूपटल तथा उसकी शैलों में संपीडन एवं तनाव होने से शैलों में उथल-पुथल होती है जिससे भूकंप उत्पन्न होते हैं। विवर्तनिक क्रिया, ज्वालामुखी क्रिया, समस्थितिक समायोजन तथा वितलीय कारणों से भूकंप की उत्पत्ति होती है। ज्वालामुखी क्रिया द्वारा भूगर्भ से तप्त मैग्मा, जल गैसें आदि ऊपर निकलने के लिए शैलों पर तेजी से धक्के लगाते हैं तथा दबाव डालते हैं जिसके कारण भूकंप उत्पन्न होते हैं। इसी प्रकार भू-आकृतिक प्रक्रमों द्वारा भूपटल की ऊपरी शैल परतों में समस्थितिक संतुलन बिगड़ जाने पर क्षणिक असंतुलन उत्पन्न हो जाता है जिसे दूर करने के लिए समस्थितिक समायोजन होता है जिससे शैल परतों में आकस्मिक हलचल तथा भूकंप उत्पन्न होते हैं। कुछ सीमित भूकंप पृथ्वी के अधिक गहराई (300 से 720 किलोमीटर) में वितलीय कारणों से भी उत्पन्न होते हैं।
भूकंप, भूचाल या भूंडोल भूपर्पटी के वे कंपन हैं जो धरातल को कंपा देते हैं और इसे आगे पीछे हिलाते हैं।
भूपर्पटी में शैलों की (या शैलों के अंदर) एक तीव्र अभिज्ञेय कंपन-गति एवं समायोजन, जिस परिणामस्वरूप प्रत्यास्थ (elastic) घात तरंगें (shock wave) उत्पन्न होती हैं और चारों ओर सभी दिशाओं में फैलती हैं।
पृथ्वी में होनेवाले इन कंपनों का स्वरूप तालाब में फेंके गए एक कंकड़ से उत्पन्न होने वाली लहरों की भाँति होता है। भूकंप बहुधा आते रहते हैं। वैज्ञानिकों का मत है विश्व में प्रति तीन मिनट में एक भूकंप होता है। साधारणतया भूकंप के होने के पूर्व कोई सूचना नहीं प्राप्त होती है। यह अकस्मात् हो जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से भूकंप पृथ्वी स्तर के स्थानांतरण से होता है। इन स्थानांतरण से पृथ्वीतल पर ऊपर और नीचे, दाहिनी तथा बाई ओर गति उत्पन्न होती है और इसके साथ साथ पृथ्वी में मरोड़ भी होते हैं। भूकंप गति से पृथ्वी के पृष्ठ पर की तरंगो भाग पर पानी के तल के सदृश तरंगें उत्पन्न होती हैं। 1890 ई. में असम में जो भयंकर भूकंप हुआ था उसकी लहरें धान के खेतों में स्पष्टतया देखी गई थीं। पृथ्वी की लचीली चट्टानों पर किसी प्रहार की प्रतिक्रिया रबर की प्रतिक्रिया की भाँति होती हैं। ऐसी तरंगों के चढ़ाव उतार प्राय: एक फुट तक होते हैं। तीव्र कंपन से धरती फट जाती है और दरारों से बालू, मिट्टी, जल और गंधकवाली गैसें कभी कभी बड़े तीव्र वेग से निकल आती हैं। इन पदार्थों का निकलना उस स्थान की भूमिगत अवस्था या अध:स्तल अवस्था पर निर्भर करता है। जिस स्थान पर ऐसा विक्षोभ होता है वहाँ पृथ्वी तल पर वलन, या विरूपण, अधिक तीक्ष्ण होता है। ऐसा देखा गया है कि भूकंप के कारण पृथ्वी में अनेक तोड़ मोड़ उत्पन्न हो जाते हैं।
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अब तक जितने भूकंप इस भूमंडल पर हुए हैं, यदि उन सबका अभिलेख हमारे पास होता तो उससे स्पष्ट हो जाता कि पृथ्वी तल पर कोई ऐसा स्थान नहीं है जहाँ कभी न कभी भूकंप न आया हो। जो क्षेत्र आज भूकंप शून्य समझे जाते हैं, वे कभी भूकंप क्षेत्र रह चुके हैं। इधर भूकंप के संबंध में जो वैज्ञानिक खोज बीन हुई है,उससे ज्ञात हुआ है कि भूकंप क्षेत्र दो वृत्ताकार कटिबंध में वितरित है। इनमें से एक भूकंप प्रदेश न्यूजीलैंड के निकट दक्षिणी प्रशांत महासागर से आरंभ होकर, उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ता हुआ चीन के पूर्व भाग में आता है। यहाँ से यह उत्तर पूर्व की ओर मुड़कर जापान होता हुआ, बेरिंग मुहाने को पार करता है और फिर दक्षिणी अमरीका के दक्षिण-पश्चिम की ओर होता हुआ अमरीका की पश्चिमी पर्वत श्रेणी तक पहुंचता है। दूसरा भूकंप प्रदेश जो वस्तुत: पहले की शाखा ही है, ईस्ट इंडीज द्वीप समूह से प्रारंभ होकर बंगाल की खाड़ी पर बर्मा, हिमालय, तिब्बत, तथा ऐल्प्स से होता हुआ दक्षिण पश्चिम घूमकर ऐटलैंटिक महासागर पार करता हुआ, पश्चिमी द्वीपसमूह (वेस्ट इंडीज) होकर मेक्सिको में पहलेवाले भूकंप प्रदेश से मिल जाता है। पहले भूकंप क्षेत्र को प्रशांत परिधि पेटी (Circum pacific belt) कहते हैं। इसमें 68 प्रतिशत भूकंप आते हैं और दूसरे को रूपसागरीय पेटी (Mediterranean belt) कहते हैं इसके अंतर्गत समस्त विश्व के 21 प्रतिशत भूकंप आते हैं। इन दोनों प्रदेशों के अलावा चीन, मंचूरिया और मध्य अफ्रका में भी भूकंप के प्रमुख केंद्र हैं। समुद्रों में भी हिंद, ऐटलैंटिक और आर्कटिक महासागरों में भूकंप के केंद्र हैं।
▲अत्यंत प्राचीन काल से भूकंप मानव के सम्मुख एक समस्या बनकर उपस्थित होता रहा है। प्राचीन काल में इसे दैवी प्रकोप समझा जाता रहा है। प्राचीन ग्रंथों में, भिन्न भिन्न सभ्यता के देशों में भूकंप के भिन्न भिन्न कारण दिये गए हैं। कोई जाति इस पृथ्वी को सर्प पर, कोई बिल्ली पर, कोई सुअर पर, कोई कछुवे पर और कोई एक बृहत्काय राक्षस पर स्थित समझती है। उन लोगों का विश्वास है कि इन जंतुओं के हिलने डुलने से भूकंप होता है। अरस्तू (384 ई. पू.) का विचार था कि अध:स्तल की वायु जब बाहर निकलने का प्रयास करती है, तब भूकंप आता है। 16वीं और 17वीं शताब्दी में लोगों का अनुमान था कि पृथ्वी के अंदर रासायनिक कारणों से तथा गैसों के विस्फोटन से भूकंप होता है। 18वीं शती में यह विचार पनप रहा था किश् पृथ्वी के अंदरवाली गुफाओं केश् अचानक गिर पड़ने से भूकंप आता है। 1874 ई में वैज्ञानिक एडवर्ड जुस (Edward Sress) ने अपनी खोजों के आधार पर कहा था कि 'भूकंप भ्रंश की सीध में भूपर्पटी के खंडन या फिसलने से होता है'। ऐसे भूकंपों को विवर्तनिक भूकंप (Tectonic Earthquake) कहते हैं। ये तीन प्रकार के होते हैं। (1) सामान्य (Normal), जबकि उद्गम केंद्र की गहराई 48 किलोमीटर तक हो, (2) मध्यम (Intermediate), जबकि उद्गम केंद्र की गहराईश् 48 से 240 किलोमीटर हो तथा (3) गहरा उद्गम (Deep Focus), जबकि उद्गम केंद्र की गहराई 240 से 1,200 किलोमीटर तक हो।
इनके अलावा दो प्रकार के भूकंप और होते हैं : ज्वालामुखीय (Volcanic) और निपात (Collapse)। 18वीं शती में भूकंपों का कारण ज्वालामुखी समझा जाने लगा था, परंतु शीघ्र ही यह मालूम हो गया कि अनेक प्रलयंकारी भूकंपों का ज्वालामुखी से कोई संबंध नहीं है। हिमालय पर्वत में कोई ज्वालामुखी नहीं है, परंतु हिमालय क्षेत्र में गत सौ वर्षो में अनेक भूकंप हुए हैं। अति सूक्ष्मता से अध्यन करने पर पता चला है कि ज्वालामुखी का भूकंप पर परिणाम अल्प क्षेत्र में ही सीमित रहता है। इसी प्रकार निपात भूकंप का, जो चूने की चट्टान में बनी कंदरा, या खाली की हुई खानों की, छत के निपात से उत्पन्न होते हैं, भी परिणाम अल्प क्षेत्र तक ही सीमित रहता है। कभी कभी तो केवल हल्के कंप मात्र ही होते हैं।
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फूलदेव सहाय वर्मा
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पृथ्वी की सतह पर, भूकंप अपने आप को, भूमि को हिलाकर या विस्थापित कर के प्रकट करता है। जब एक बड़ा भूकंप अधिकेन्द्र (epicenter) अपतटीय स्थति में होता है, यह समुद्र के किनारे पर पर्याप्त मात्रा में विस्थापन का कारण बनता है, जो सूनामी का कारण है। भूकंप के झटके कभी-कभी भूस्खलन और ज्वालामुखी गतिविधियों को भी पैदा कर सकते हैं।
▲[[श्रेणी:भूकम्प]]
▲[[श्रेणी:भूविज्ञान]]
▲[[श्रेणी:भूवैज्ञानिक संकट]]
▲[[श्रेणी:भूकम्प विज्ञान]]
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