"पद्मनाभस्वामी मंदिर": अवतरणों में अंतर

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== मंदिर की सम्पत्ति ==
मन्दिर तथा इसकी सम्पत्ति के स्वामी भगवान पद्मनाभस्वामी ही हैं। बहुत दिनों तक यह मंदिर तथा इसकी सम्पत्तियों की देखरेख और सुरक्षा एक न्यास (ट्रस्ट) द्वारा की जाती रही जिसके अध्यक्ष त्रावणकोर के राजपरिवार का कोई सदस्य होता था। किन्तु वर्तमान समय में [[भारत का उच्चतम न्यायालय|भारतीय सर्वोच्च न्यायालय]] ने राजपरिवार को इस मंदिर के प्रबन्धन के अध्यक्षता करने से रोक दिया है। <ref>[http://www.rediff.com/news/slide-show/slide-show-1-rs-90000-crore-found-in-kerala-temple-belongs-to-lord-vishnu/20110706.htm Kerala government has no right over the wealth], 6 July 2011, rediff.com</ref><ref>[http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2011-07-08/india/29751405_1_ancient-temple-royal-family-centuries-old-temple SC halts opening of Kerala temple's last vault], TNN & Agencies 8 Jul 2011</ref>
 
जून २०११ में सर्वोच्च न्यायालय ने पुरातत्व विभाग तथा अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि मन्दिर के गुप्त तहखानों को खोलें और उनमें रखी वस्तुओं का निरीक्षण करें। इन तहखानों में रखी करीब दो लाख करोड़ की संपत्ति का पता चला है। हालांकि अभी भी तहखाने-बी को नहीं खोला गया है। सुप्रीमकोर्ट ने इस तहखाने को खोलने पर रोक लगा दी है। सुप्रीमकोर्ट ने आदेश किया है कि ये संपत्ति मंदिर की है और मंदिर की पवित्रता और सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।