"क्षेमराज": अवतरणों में अंतर

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'''क्षेमराज''' (१०वीं शताब्दी का उत्तरार्ध -- ११वीं शताब्दी का पूर्वार्ध) एक दार्शनिक थे। वे [[अभिनवगुप्त]] के शिष्य थे। क्षेमराज [[तन्त्र]], [[योग]], [[काव्यशास्त्र]] तथा [[नाट्यशास्त्र]] के पण्डित थे। उनके जीवन एवं माता-पिता आदि के बारे में बहुत कम ज्ञात है। '''प्रत्याभिज्ञानहृदयम्''' नामक उनकी कृति का [[कश्मीर]] के '[[त्रिक]]' साहित्य में वही स्थान है जो [[वेदान्तसार]] का [[अद्वैत दर्शन]] में।
 
==इन्हें भी देखें==