"केशवदास": अवतरणों में अंतर

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== रचनाएं ==
केशवदास रचित प्रामाणिक ग्रंथ नौ हैं : '''रसिकप्रिया, कविप्रिया, नखशिख, छंदमाला, रामचंद्रिका, वीरसिंहदेव चरित, रतनबावनी, विज्ञानगीता और जहाँगीर जसचंद्रिका'''। रसिकप्रिया केशव की प्रौढ़ रचना है जो काव्यशास्त्र संबंधी ग्रंथ हैं। इसमें रस, वृत्ति और काव्यदोषों के लक्षण उदाहरण दिए गए हैं। इसके मुख्य आधारग्रंथ हैं - [[नाट्यशास्त्र]], [[कामसूत्र]] और [[रुद्रभट्ट]] का [[श्रृंगारतिलकशृंगारतिलक]]। कविप्रिया काव्यशिक्षा संबंधी ग्रंथ है जो इन्द्रजीतसिंह की रक्षिता और केशव की शिष्या प्रवीणराय के लिये प्रस्तुत किया गया था। यह कविकल्पलतावृत्ति और काव्यादर्श पर आधारित है। रामचंद्रिका उनका सर्वाधिक प्रसिद्ध [[महाकाव्य]] है जिसकी रचना में [[प्रसन्नराघव]], [[हनुमन्नाटक]], [[कादंबरी]] आदि कई ग्रंथो से सामगी ग्रहण की गई हैं। रतनबावनी में [[मधुकरशाह]] के पुत्र रतनसेन, वीरसिंह चरित में इन्द्रजीतसिंह के अनुज वीरसिंह तथा जहाँगीर जसचंद्रिका का यशोगान किया गया है। विज्ञानगीता में [[प्रबोधचंद्रोदय]] के आधार पर रचित अन्यापदेशिक काव्य है।
 
== काव्यगत विशेषताएं ==