"पृथ्वी का वायुमण्डल": अवतरणों में अंतर

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# भौतिक आर्द्रतामापी
 
वायुमंडलीय [[ताप]] का मूलस्रोत [[सूर्य]] है। वायु को सूर्य की अपेक्षा पृथ्वी के संस्पर्श से अधिक [[ऊष्मा]] मिलती है, क्योंकि उसपर धूलिकणों का प्रभाव पड़ता है। ये धूलिकण, जो [[ऊष्मा]] के [[कुचालक]] होते हैं, भूपृष्ठ पर एवं उसके निकट अधिक होते हैं और वायुमंडल में ऊँचाई के अनुसार कम होते जाते हैं। अत: प्रारंभ में सूर्य की किरणें धरातल को गरम करती हैं। फिर वही ऊष्मा संचालन (conduction) द्वारा क्रमश: वायुमंडल के निचले स्तर से ऊपरी स्तर की ओर फैलतफैलती जाती है। इसके अतिरिक्त गरम होकर वायु ऊपर उठीउठती है, रिक्त स्थान की पूर्ति अपेक्षाकृत ठंढी वायु करती है; फिर वह भी गरम होकर ऊपर उठती है। फलत: [[संवाहन धारा|संवाहन धाराएँ]] उत्पन्न हो जाती हैं। अत: ऊष्मा के ऊपर फैलने में संचालन और संवाहन काम करते हैं। धरातल से वायुमंडल में ऊपर जाने पर ताप क्रमश: प्रत्येक 320फ़ की ऊँचाई पर 1रू फादृ घटता जाता है।
 
== वायुमंडलीय दबाव ==