"कटारमल सूर्य मन्दिर": अवतरणों में अंतर

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|temple_board = अधेली सुनार व कटारमल
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'''कटारमल सूर्य मन्दिर''' भारतवर्ष का प्राचीनतम पूर्वाभिमुख[[सूर्य मंदिर|सूर्य मन्दिर]] है। यह भारतवर्षपूर्वाभिमुखी केहै तथा [[उत्तराखण्ड]] राज्य में [[कुमांऊॅं]] क्षेत्र के अन्तर्गत [[अल्मोड़ा]] जिले के अधेली सुनार नामक गॉंव में प्राणप्रतिष्ठितस्थित है। इसका निर्माण [[कत्यूरी राजवंश]] के तत्कालीन शासक कटारमल के द्वारा छठीं से नवीं शताब्दी में हुआ था। यह कुमांऊॅं के विशालतम ऊँचे मन्दिरों में से एक व उत्तर भारत में विलक्षण स्थापत्य एवम् शिल्प कला का बेजोड़ उदाहरण है तथा समुद्र सतह से लगभग 2116 मीटर की ऊँचाई पर पर्वत पर स्थित है।
 
== इतिहास ==
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== संरचना एवम् विशेषता ==
[[चित्र:[[File:Katarmal002.jpg|thumb|225px|left|thumb|सूर्य-मन्दिर का ध्वस्त शिखर (2013)]]
[[Image:Sun Temple, Katarmal.jpg|right|thumb|300px]]
कटारमल सूर्य मन्दिर का निर्माण कत्यूरी राजवंश के शासक कटारमल के द्वारा हुआ था। इसका निर्माण एक ऊँचे वर्गाकार चबूतरे पर है, जो भारतवर्ष मेंं [[सूर्यदेव]] को समर्पित प्राचीन और प्रमुख मन्दिरों में से एक है। आज भी मन्दिर के ऊँचे खंडित शिखर को देखकर इसकी विशालता व वैभव का अनुमान स्पष्ट होता है। मुख्य मन्दिर के आस-पास 45 छोटे-बड़े मन्दिरों का समूह भी बेजोड़ है। मुख्य मन्दिर की संरचना त्रिरथ है और वर्गाकार गर्भगृह के साथ वक्ररेखी शिखर सहित निर्मित है। गर्भगृह का प्रवेश द्वार बेजोड़ [[काष्ठ कला]] द्वारा उत्कीर्ण था, जो कुछ अन्य अवशेषों के साथ वर्तमान में नई दिल्ली स्थित [[राष्ट्रीय संग्रहालय]] में प्रदर्शित है।