"भारत की संस्कृति": अवतरणों में अंतर
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== साहित्य ==
=== इतिहास ===
{{main |
[[चित्र:Rabindranath Tagore in 1909.jpg|thumb|[[रवीन्द्रनाथ टैगोर]]एशिया के पहले [[नोबेल पुरस्कार विजेता|नोबेल विजेता]] ([[:en:Nobel laureate|Nobel laureate]]).<ref>http://almaz.com/nobel/literature/1913a.html</ref>]]
भारतीय साहित्य की सबसे पुरानी या प्रारंभिक कृतियाँ [[मौखिक साहित्य|मौखिक]] ([[:en:oral literature|orally]]) रूप से प्रेषित थीं।[[संस्कृत साहित्य]] की शुरुआत होती है 5500 से 5200 ईसा पूर्व के बीच संकलित [[ऋग्वेद]] से जो की पवित्र भजनों का एक संकलन है। संस्कृत के महाकाव्य ''[[रामायण]]'' और ''[[महाभारत]]'' पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व के अंत में आये.पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व की पहली कुछ सदियों के दौरान [[शास्त्रीय भाषा|शास्त्रीय संस्कृत]] ([[:en:classical language|Classical Sanskrit]]) खूब फली-फूली, [[तमिल साहित्य|तमिल]] ([[:en:Tamil literature|Tamil]]) [[संगम साहित्य]] और [[पाली कनोन|पाली केनोन]] ([[:en:Pāli Canon|Pāli Canon]]) ने भी इस समय काफी प्रगति की.
मध्ययुगीन काल में, क्रमशः ९ वीं और ११ वीं शताब्दी में [[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]] और [[तेलुगु साहित्य|तेलुगु]] ([[:en:Telugu literature|Telugu]]) साहित्य की शुरुआत हुई,<ref>"कन्नड़ साहित्य," ''ब्रिटैनिका विश्वकोश'', २००८.उद्धरण:" सबसे पहली साहित्यिक कृति है काविराजमार्ग (शताब्दी.ए डी ८५० यानि ईसा के ८५० वर्ष पश्चात, संस्कृत प्रतिरूप पर आधारित पद्य या कविताओं पर लिखी गयी एक रचना."</ref> इसके बाद १२ वीं शताब्दी में [[मलयालम भाषा|मलयालम]] साहित्य की पहली रचना हुई.बाद में, [[मराठी भाषा|मराठी]], [[बांग्ला भाषा|बंगाली]], [[हिन्दी|हिंदी]] की विभिन्न बोलियों, [[फारसी साहित्य|पारसी]]
[[ब्रिटिश राज]] के दौरान, [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर|रवीन्द्रनाथ टैगोर]] के कार्यों द्वारा आधुनिक साहित्य का प्रतिनिधित्व किया गया है, [[रामधारी सिंह 'दिनकर'|रामधारी सिंह दिनकर]] ([[:en:Ramdhari Singh 'Dinkar'|Ramdhari Singh 'Dinkar']]), [[सुब्रह्मण्यम भारती|सुब्रमनिया भारती]], [[राहुल संकृत्यायन|राहुल सांकृत्यायन]] ([[:en:Rahul Sankrityayan|Rahul Sankrityayan]]), [[कुवेम्पु]]
=== काव्य ===
{{Main|
[[चित्र:Kurukshetra.jpg|thumb|left|[[कुरुक्षेत्र का युद्ध|कुरुक्षेत्र के युद्ध]] ([[:en:Battle of Kurukshetra|Battle of Kurukshetra]]) का दृष्टान्त ७४,००० से ज्यादा छंदों, लम्बे गद्य अनुच्छेदों और १.८ करोड़ शब्दों वाला ''[[महाभारत]]'' दुनिया की सबसे लम्बे महाकाव्यों में से एक है]]
भारत में [[ऋग्वेद]] के समय से कविता के साथ-साथ गद्य रचनाओं की मजबूत परंपरा है कविता प्रायः संगीत की परम्पराओं से सम्बद्ध होती है और कविताओं का एक बड़ा भाग धार्मिक आंदोलनों पर आधारित होता है या उनसे जुड़ा होता है लेखक और दार्शनिक अक्सर कुशल कवि भी होते थे आधुनिक समय में, भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान राष्ट्र वाद और अहिंसा को प्रोत्साहित करने के लिए कविता ने एक महत्वपूर्ण हथियार की भूमिका निभाई है इस परंपरा उदाहरण आधुनिक काल में [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर|रवीन्द्रनाथ टैगोर]] और [[के . एस . नरसिम्हास्वामी|के एस नरसिम्हास्वामी]]
=== महाकाव्य ===
{{Main|
[[रामायण]] और [[महाभारत]] प्राचीनतम संरक्षित और आज भी भारत के जाने माने माहाकाव्य है ; उनके कुछ और संस्करण दक्षिण पूर्व एशियाई देशों जैसे की [[थाईलैंड]] [[मलेशिया]] और [[इंडोनेशिया]] में अपनाए गए हैं इसके अलावा, शास्त्रीय तमिल भाषा में पांच महाकाव्य हैं - [[सिलापधिकरम|सिलाप्पधिकाराम]]
इनके अन्य क्षेत्रीय रूप और असम्बद्ध महाकाव्यों में शामिल हैं तमिल [[कंब रामायण]], कन्नड़ में [[आदिकवि पम्बा|आदिकवि पम्पा]]
== प्रदर्शन कला ==
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