"लेंज का नियम": अवतरणों में अंतर

1833
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: "प्रेरित धारा की दिशा सदा ऐसी होती है जो उस कारण का विरोध करती है जिससे वह स्वयं उत्पन्न होती है।"
 
इस नियम का प्रतिपादन सन् 1833 में [[हिनरिक लेंज]] (Heinrich Lenz) ने सन् 1833 में किया था।
 
[[चित्र:Lenz law demonstration.png|center|550px|thumb|लेंज के नियम का प्रदर्शन]]
 
== बाहरी कड़ियाँ ==