"भरथरी": अवतरणों में अंतर

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भारतीय ऐतिहासिक [[लोककथा]]ओं में '''राजा भरथरी''' बहुत प्रसिद्ध हैं। भरथरी और [[संस्कृत]] के महान कवि [[भर्तृहरि]] को एक ही व्यक्ति माना जाता है। इन्हें गोरख वंश के योगियों में गिना जाता है। इनकी कहानियां [[बंगाल]], [[बिहार]], [[उत्तर प्रदेश]], [[हरियाणा]], [[पंजाब]], [[छत्तीसगढ़]] में लोकप्रिय है। छतीसगढ़ राज्य में रामायण, महाभारत, श्रीमद्भागवत, गीता की तरह ही भरथरी चरित भी काफी प्रचलित है। यह कथा गावो में बुजुर्गों के मुख से पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित हो रही है।
 
राजा भरथरी का मूल नाम [[भर्तृहरि]] हैं। राजा भरथरी [[परमार वंश]] से आते है और ये [[महान सम्राट]] [[विक्रमादित्य]] के बड़े भाई हैं।
 
'''राजा भरतरी उज्जैन के राजा थे , उनके भतीजे गोपीचंद बंगाल के राजा हुआ करते थे यह परमार वंश क थे और वृद्धावस्था में इन्होंने सन्यास ले लिया था और पंजाब के उत्तरी प्रांत में जाकर रहने लगे थे| इनके गुरु गोरखनाथ जी थे और गोरख वंश को अपना लिया था उनके भतीजे गोपीचंद भी इनके साथ थे|'''
 
'''"विक्रम और बेताल" जो रचना है उनके छोटे भाई राजा विक्रमादित्य के बारे में ही हैं|'''
 
'''इन्हें और गोपीचंद को गोरख वंश के योगियों में गिना जाता है इन की कहानियां बंगाल बिहार उत्तर प्रदेश हरियाणा पंजाब छत्तीसगढ़ में लोकप्रिय है|'''
 
== इन्हें भी देखें==
* [[भर्तृहरि]]
* [[भरथरी लोकगाथा]]
 
== बाहरी कडियाँ==
*[http://www.ignca.nic.in/coilnet/chgr0020.htm भरथरी - लोकगाथा]
 
[[श्रेणी:हिन्दू सन्त]]
[[श्रेणी:भारतीय राजा]]
[[श्रेणी:लोक गायन]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/भरथरी" से प्राप्त