"गतिपालक चक्र": अवतरणों में अंतर

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गतिपालक चक्र में ऊर्जा संग्रहित करने के लिये इस पर किसी बाहरी स्रोत के द्वारा बलाघूर्ण लगाकर इसका कोणीय वेग बढ़ाकर किया जाता है। इसके विपरीत यदि घूमते हुए किसी चक्र पर इसकी गति के विपरीत दिशा में बलाघूर्ण लगाया जाय तो यह अपनी ऊर्जा उस यान्त्रिक लोड को दे देता है जो इस पर उल्टी दिशा में बलाघूर्ण लगा रहा हो।
[[चित्र:White and Middleton Engine.jpg|left|thumb|ह्वाइट और मिडिल्टन इंजन (१८९०) में लगे दो गतिपालक चक्र]]
 
==इन्हें भी देखें==