"संधि (शरीररचना)": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो HotCat द्वारा श्रेणी:अस्थि संधियाँ हटाई; श्रेणी:जोड़ (कार्यिकी) जोड़ी |
→चल संधियाँ: kuch nhi टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 22:
:* स्नेहक स्तर संधि का भीतर से पूर्णतया ढक रहता है। केवल उपास्थियुक्त अस्थियों के सिरे को स्वतंत्र छोड़ देता है;
:* संधि के भीतर विवर (cavity) होता है, जो तंतु उपास्थि के एक गोल टुकड़े से पूर्णतया, अथवा अपूर्णतया, दो भागों में विभक्त रहता है;
:* कोशिका के बाहर स्नायु उपस्थित
==== चल संधियों के भेद ====
पंक्ति 34:
4. '''पर्याण संधि''' (saddle joint) में एक अस्थि का आकार जीन के समान होता है। यह एक दिशा में अवतल और दूसरी दिशा में उत्तल हो जाती है, जैसे अँगूठे की मणिबंध करभ (cartometacarpal) संधि;
5. '''उलूखल संधि''' (Ball and Socket joint) में एक अस्थि में गढ़ा बन जाता है। दूसरी अस्थि का एक प्रांत कुछ गोल पिंड का रूप धारण करके इस गढ़े में स्थित हो जाता है। Sat may he संधिविवर तथा स्नायु द्वारा संधि दृढ़ हो जाती है, जिससे संधि की प्रत्येक दिशा में गति हो सकती है और स्वयं अपने अक्ष पर घूम सकती है। स्कंध संधि और नितंब संधि इसके उदाहरण है।
6. '''सरल संधि''' (Plain Joint) - इसके पृष्ठ इस प्रकार ढले होते हैं और स्नायु इत्यादि की स्थिति ऐसी होती है कि अस्थियाँ इधर-उधर कुछ ही सरक सकती है, जैसे कशेरुका संधि।
|