"प्रसव": अवतरणों में अंतर
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'''प्रसव''' का अर्थ होता है जनन या बच्चे को जन्म देना। [[गर्भावस्था]] के निर्धारित काल पूरा होने पर बच्चे का जन्म बिना किसी अवरोध (रूकावट) के ही होना साधारण और सरल जन्म कहलाता है।
कभी-कभी दर्द के साथ बच्चे को निकालने के लिए पेट से भी बच्चे को हल्के हाथों से दबाया जाता है। इस चरण में महिला को लम्बी सांस का व्यायाम लाभकारी होता है। क्योंकि सांस को रोककर ही महिला का जोर लगाना पड़ता है। कई बार बच्चों को निकालने के लिए औजारों का भी प्रयोग किया जाता है। बच्चे का जन्म होते समय जब बच्चा बाहर आता है मां को ऐसा महसूस होता है कि जैसे कि उनके शरीर से मल बाहर आ रहा हो। प्रसव के समय सबसे पहले बच्चे का सिर बहर आता है। फिर एक कंधा, दूसरा कंधा तथा बाद में पूरा धड़ बाहर निकल आता है इस प्रकार के बच्चे के जन्म लेते ही दूसरा चरण पूरा हो जाता है।
[[चित्र:Cow giving birth, in Laos (step by step).jpg|center|thumb|600px|गाय के बच्चे के प्रसव के अनेक चरण]]
== प्रसवोपरान्त ==
बच्चे के जन्म लेने के बाद सर्वप्रथम बच्चे के मुंह और नाक को साफ किया जाता है कभी-कभी बच्चे के मुंह और सांस की नलिका से चिकने पदार्थ व अन्य द्रवों को साफ करने के लिए मशीन का उपयोग किया जाता है। इसके बाद बच्चे को अच्छी तरह से साफ कपड़े में लपेट लेते हैं जिससे बच्चे के शरीर का तापमान बना रहे। जन्म ने बाद बच्चे के आंखों की सफाई भी आवश्यक होती है। बच्चे के जन्म लेने के बाद बच्चे के सांस लेने की कार्यक्षमता, दिल की धड़कन, त्वचा का रंग, हाथ पैरों का हिलना व छूने पर बच्चे का स्वभाव देखा जाता है। इसको एपगर कहते हैं। यदि बच्चे की कार्यक्षमता सामान्य होती है तो बच्चे के हाथ-पैर, कान, मल-मूत्रद्वार तथा बच्चे की पीठ को देखने के बाद बच्चे के पेट की सफाई आदि की जाती है तथा भोजन की नलिका के अवरोध को देखा जाता है।
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== इन्हें भी देखें ==
* [[गर्भावस्था]]
* [[सन्तान प्रसव]]
* [[शल्य प्रसव]] (सीजरियन सेक्शन)
* [[गर्भपात]]
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