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=== अन्य देशों में ===
भारत के बाहर अन्यत्र किले का इतिहास अधिक प्राचीन नहीं है। वहाँ किले का प्राचीनतम और विशाल रूप चीन की दीवार के रूप में देखने में आता है। ईसा से लगभग ढाई सौ वर्ष पूर्व चिन वंश के सम्राट् शिह-हांग-त्सी ने चीन देश की सीमा पर चारों ओर एक अत्यंत विशाल, लंबी, चौड़ी और मजबूत प्राचीर का निर्माण आरंभ कराया था। प्राचीन यूनान और रोम में भी किलों का निर्माण हुआ था और उनका अपना महत्व था किंतु यूरोप में किलों का इतिहास मध्य युग से ही आरंभ होता है। प्राचीनकाल किले नगरों की प्रतिरक्षा के उद्देश्य से बनते थे किंतु मध्यकालीन किले टापुओं, पहाड़ियों, दलदल के मध्य सूखी भूमि एवं अन्य दुर्गम स्थानों पर बनाए जाने लगे। जहाँ कहीं प्राकृतिक प्रतिरक्षा के स्थान प्राप्त नहीं थे, खाई खोद ली जाया करती थी। पूर्व के देशों के किलों ने भी क्रूसेड़ों ([[क्रुसयुद्ध|धर्मयुद्धों]]) के सैनिकों को अत्यधिक प्रभावित किया जिसके फलस्वरूप उन्होनें अपने किलों की निर्माणविधि में उचित उन्नति की। बारूद के आविष्कार ने यूरोप में किलों के निर्माण की आवश्यकताओं में और भी परिवर्तन कर दिए।
[[चित्र:Kenilworth Castle gatehouse landscape.jpg|riht|thumb|300px|वारविकशायर का केनिलवर्थ दुर्ग]]
 
यूरोप की सामंती प्रथा में किलों को विशेष स्थान प्राप्त हुआ। ऐंगलो-सैक्सन युग के किलों में वास्तुकला संबंधी कोई विशेषता नहीं थीं। किंतु 11वीं सदी ईस्वी में नार्मेनयुग के किलों में खास तौर पर वास्तुकला की ओर ध्यान दिया जाने लगा। [[शार्पशायरश्रॉपशायर]] के स्टोकसे कैसिल और वारविकशायर के केनिलवर्थ कैसिल उस समय की वास्तुकला के बड़े ही सुंदर उदाहरण हैं। इन किलों की विशेष इनकी खाइयाँ एवं इनके कई कई खंडों के भवन हैं।
 
== भारत के प्रमुख दुर्ग ==
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