"वाल्मीकि": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
संजीव कुमार (वार्ता | योगदान) छो 2402:8100:3947:6264:ED9:324E:23C3:26AC (Talk) के संपादनों को हटाकर Ravi Danav के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
संजीव कुमार (वार्ता | योगदान) Raju Jangid (वार्ता) द्वारा सम्पादित संस्करण 3978435 पर पूर्ववत किया: --। (ट्विंकल) टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना |
||
पंक्ति 2:
{{स्रोत कम|date=फरवरी 2017}}
{{Infobox Hindu leader
|name =
|image = Valmiki Ramayana.jpg
|caption =
|philosophy = [[धार्मिक]]
|honors =
|footnotes = [[रामायण]], [[योगविशिष्ठ]], [[अक्षर-लक्ष्य]] के रचनाकार
}}
'''
आदिकवि शब्द 'आदि' और 'कवि' के मेल से बना है। 'आदि' का अर्थ होता है 'प्रथम' और 'कवि' का अर्थ होता है 'काव्य का रचयिता'।
== आदि कवि वाल्मीकि ==
वाल्मीकि रामायण महाकाव्य की रचना करने के पश्चात आदिकवि कहलाए। वे कोई ब्राह्मण नही थे,
:'''मा निषाद प्रतिष्ठां त्वमगमः शाश्वतीः समाः।
:'''यत्क्रौंचमिथुनादेकम् अवधीः काममोहितम्॥''''''
पंक्ति 27:
अपने महाकाव्य "रामायण" में अनेक घटनाओं के घटने के समय [[सूर्य]], [[चंद्र]] तथा अन्य [[नक्षत्र]] की स्थितियों का वर्णन किया है। इससे ज्ञात होता है कि वे [[ज्योतिष]] विद्या एवं [[खगोल]] विद्या के भी प्रकाण्ड ज्ञानी थे।
अपने वनवास काल के मध्य "राम"
देखत बन सर सैल सुहाए।
वाल्मीक आश्रम प्रभु आए॥
तथा जब "[[राम]]" ने अपनी पत्नी [[सीता]] का परित्याग कर दिया तब
उपरोक्त उद्धरणों से सिद्ध है कि
== जीवन परिचय ==
आदिकवि वाल्मीकि के जन्म होने का कहीं भी कोई विशेष प्रमाण नहीं मिलता है। सतयुग, त्रेता और द्वापर तीनों कालों में
महाभारत काल में भी
==सन्दर्भ==
== बाहरी कड़ियाँ ==
|