"छन्दशास्त्र": अवतरणों में अंतर
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इस ग्रन्थ में [[पास्कल त्रिभुज]] का स्पष्ट वर्णन है। इस ग्रन्थ में इसे '[[मेरु प्रस्तार|मेरु-प्रस्तार]]' कहा गया है।
इसमें आठ अध्याय हैं।
;अन्य टीकाएं-
* '''लक्ष्मीनाथसुतचन्द्रशेखर''' -- पिंगलभावोद्यात
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