"देवघर": अवतरणों में अंतर
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=== बैद्यनाथ मंदिर ===
[[File:Baidyanath Dham Deoghar.jpg|thumb|देवघर
{{main|वैद्यनाथ मंदिर, देवघर}}
बैद्यनाथ मंदिर में स्थापित लिंग भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिगों में से एक है। पुराणों में भी इसका वर्णन मिलता है। माना जाता है कि [[रावण]] चाहता था कि उसकी राजधानी पर शिव का आशीर्वाद बना रहे। इसलिए वह [[कैलाश पर्वत]] गया और शिव की अराधना की। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने रावण को अपना ज्योतिर्लिग दिया। लेकिन इसके साथ उन्होंने एक शर्त रखी कि रावण अपनी यात्रा बीच में रोक नहीं सकता और इस लिंग को कहीं भी नीच नहीं रखना होगा। यदि लिंग लंका से पहले कहीं भी नीचे रखा गया तो वह सदा के लिए वहीं स्थापित हो जाएगा।
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