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जोतिबा कोल्‍हापुर के उत्‍तर में पहाड़ों से घिरा एक खूबसूरत मंदिर है। इसका निर्माण 1730 में नवाजीसवा ने करवाया था। मंदिर का वास्‍तु प्राचीन शैली का है। यहां स्‍थापित जोतिबा की प्रतिमा चारभुजाधारी है। माना जाता है कि जोतिबा भैरव का पुनर्जन्‍म था। उन्‍होंने रत्‍नासुर से लड़ाई में महालक्ष्‍मी का साथ दिया था। रत्‍नासुन के नाम पर ही इस गांव का नाम रत्‍नागिरी पड़ा। बाद में गांव वालों ने इसका नाम जोतिबा रख दिया। चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर यहां भव्‍य मेले का आयोजन किया जाता है। उस समय गुलाब उड़ाकर भक्‍त अपनी श्रद्धा का परिचय देते हैं। उस समय पहाड़ भी मानो गुलाबी रंग में रंग जाते हैं।
 
=== रनकलारंकाला झीलतालाब ===
महालक्ष्‍मी मंदिर के पश्चिम में स्थित रनकलारंकाला झील यहां के स्‍थानीय लोगों के साथ-साथ सैलानियों के बीच भी लोकप्रिय है। झील का निर्माण स्‍वर्गीय महाराजा श्री शाहू छत्रपति ने करवाया था। झील के आसपास चौपाटी और अनेक उद्यान हैं।
[[image:Rankala lake panorama.jpg|'''रंकाळा तलाब''' का विहंगम दृश्य]]
 
=== दाजीपुर अभ्‍यारण्‍य ===