"शिशुशिक्षा": अवतरणों में अंतर

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उपर्युक्त सिद्धांतों के अनुसार शिशुशिक्षा के समुचित प्रसार के लिए निम्नोक्त आवश्यकताओं की पूर्ति अपेक्षित है - दो से छह वर्ष के बच्चों के लिए शिशुशालाओं (नर्सरी स्कूलों) तथा छह से ग्यारह वर्ष के बच्चों के लिए बालोद्यान की स्थापना; सभी शिशुविद्यालयों में जलपान एवं दोपहर के भोजन की व्यवस्था; शिशु छात्रावासों की स्थापना; शिशु छात्रावासों की स्थापना; शिशुशिक्षा के लिए उपयुक्त प्रशिक्षित अध्यापिकाओं की नियुक्ति; बच्चों के क्रीड़ोपकरणों की व्यवस्था; बालसमाजों (चिल्ड्रेंस क्लबों) की स्थापना जहाँ बच्चे एकत्र होकर परस्पर मिल सकें तथा मनोरंजन के साधनों द्वारा जी बहला सकें; शिशुशिक्षा के लिए उपयुक्त साहित्य-आकर्षक पुस्तकें, पत्रपत्रिकाएँ आदि-के अतिरिक्त उपयोगी एवं आकर्षक खिलौने प्रस्तुत करना; विकलांग, विकृतमस्तिष्क एवं अपराधी बच्चों के लिए पृथक् विद्यालयों की स्थापना; शिशुप्रदर्शनियों द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य को प्रोत्साहन देना; तथा राज्य द्वारा शिक्षा का संपूर्ण भारवहन जिससे सभी बच्चों का समान अवसर मिले, भोजन, जलपान, आवास आदि नि:शुल्क प्राप्त हों एवं उनके शारीरिक या मानसिक विकास में धनाभाव के कारण कोई त्रुटि न रहने पाए।
 
==इन्हें भी देखें==
*[[बुनियादी शिक्षा]]
*[[प्रारम्भिक शिक्षा]]
*[[उच्च शिक्षा]]
 
[[श्रेणी:शिक्षा]]
[[श्रेणी:शिशु]]
 
[[en:Preschool education]]
[[ar:تعليم قبل مدرسي]]
[[de:Kindergarten]]