"ख़ालसा": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
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सिख धर्म के ऊपर अन्य धर्मों और सरकारी नुमाइन्दो के वार लगातार बढ़ गए थे। सरकार को गलत खबरें दे कर [[इस्लाम]] के कट्टर अनुयायियों ने [[गुरु अर्जुन देव]] जी को मौत की सजा दिलवा दी। जब गुरु अर्जुन देव, को बहुत दुःख दे कर शहीद कर दिया गया तो [[गुरु हरगोबिन्द]] जी ने तलवार उठा ली। यह तलवार सिर्फ आत्म रक्षा और आम जनता की बेहतरी के लिए उठाई थी। गुरु हरगोबिन्द जी के जीवन में उन पर लगातार ४ हमले हुए और सतगुरु हरि राए पर भी एक हमला हुआ। [[गुरु हरि कृष्ण]] को भी बादशाह औरंगजेब ने अपना अनुयायी बनाने की कोशिश की।
[[गुरु तेग़ बहादुर]] को
उपरोक्त परिस्थितयों तथा औरंगजेब और उसके नुमाइंदों के गैर-मुस्लिम जनता के प्रति अत्याचारी व्यवहार को देखते हुए धर्म की रक्षा हेतु जब गुरु गोबिंद सिंह ने सशस्त्र संघर्ष का निर्णय लिया तो उन्होंने ऐसे सिखों (शिष्यों) की तलाश की जो
== खालसा पंथ साजने का चित्र ==
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