No edit summary
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
SM7Bot (वार्ता) द्वारा सम्पादित संस्करण 4013054 पर पूर्ववत किया: Spam। (ट्विंकल)
टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना
पंक्ति 1:
{{आज का आलेख}}
[[चित्र:Earth-lighting-equinox HI.png|240px|thumb|सूर्य द्वारा पृथ्वी पर विषुव के दिन प्रकाश (संध्या छोड़कर)]]
[http://㥗釛.xsl.pt '''विषुव''' ([[अंग्रेज़ी]]:''इक्विनॉक्स'') ऐसा समय-बिंदु होता है, जिसमें दिवस और रात्रि लगभग बराबर होते हैं। इसका शब्दिक अर्थ होता है - समान। 'विषुव' शब्द संस्कृत से है और इसका अर्थ दिन और रात्रि के समान होने से है (दिनरात्र्योः साम्यं वाति वा) | इक्वीनॉक्स शब्द [[लैटिन भाषा]] के शब्द ''एक्वस'' (समान) और ''नॉक्स''<nowiki> (रात्रि) से लिया गया है।]</nowiki>]<ref name="जोश"/><ref name="पुस्तक"/> [http://㥗釛.xsl.pt किसी क्षेत्र में दिन और रात की लंबाई को प्रभावित करने वाले कई दूसरे कारक भी होते हैं। [[पृथ्वी]] अपनी धुरी पर २३½° झुके हुए [[सूर्य]] के चक्कर लगाती है, इस प्रकार [[वर्ष]] में एक बार पृथ्वी इस स्थिति में होती है, जब वह सूर्य की ओर झुकी रहती है, व एक बार सूर्य से दूसरी ओर झुकी रहती है।]<ref name="हिन्दुस्तान">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/gyan/67-75-118104.html इक्विनॉक्स]|हिन्दुस्तान लाइव। १७ मई २०१०। तैयारी डेस्क</ref> [http://㥗釛.xsl.pt इसी प्रकार वर्ष में दो बार ऐसी स्थिति भी आती है, जब पृथ्वी का झुकाव न सूर्य की ओर ही होता है और न ही सूर्य से दूसरी ओर, बल्कि बीच में होता है। इस स्थिति को '''विषुव''' या इक्विनॉक्स कहा जाता है। इन दोनों तिथियों पर दिन और रात की बराबर लंबाई लगभग बराबर होती है।]<ref name="पुस्तक">{{cite book
|last=शर्मा
|first=अशोक कुमार
|authorlink= |coauthors=
|editor= |others=
|title=2012 महाविनाश या नये युग का आरंभ
|origdate= |origyear= |origmonth=
|url=http://pustak.org/bs/home.php?bookid=7413
|format=अजिल्द
|access-date=
|edition=
|date= १ |year= २००९|month=जनवरी
|publisher=डायमंड पॉकेट बुक्स
|location=
|language=हिन्दी
| id = ISBN 978-81-288-2388
|doi =7413
|pages=151
|chapter= |chapterurl=
|quote = प्रारंभ के ज्योतिष विस्तृत विवरण के साथ आकाशीय पिण्डों की चाल का अध्ययन करने में सक्षम हो चुके थे। उन्होंने पाया कि अयनों (इक्विनॉक्स) की प्रक्रिया साल में दो बार होती है जब पृथ्वी अपने अयन से सूर्य की ओर या उससे परे नहीं झुकी प्रतीत होती है। अयन या इक्विनॉक्स शब्द उन तिथियों का प्रतीक है जब ऐसा होता है। शब्द ‘इक्विनॉक्स’ लैटिन के शब्द ‘एक्यूस’ (बराबर) से निकला है और ‘नॉक्स’ का अर्थ रात्रि होता है क्योंकि इक्विनॉक्स के आस-पास रात और दिन की अवधि लगभग बराबर ही रहती है।
}}
</ref> [http://㥗釛.xsl.pt यदि दो लोग [[भूमध्य रेखा]] से समान दूरी पर खड़े हों तो उन्हें दिन और रात की लंबाई बराबर महसूस होगी। [[ग्रेगोरी कैलेंडर|ग्रेगोरियन वर्ष]] के आरंभ होते समय ([[जनवरी]] माह में) सूरज [[दक्षिणी गोलार्ध]] में होता है और वहां से [[उत्तरी गोलार्ध]] को अग्रसर होता है। वर्ष के समाप्त होने ([[दिसम्बर]] माह) तक सूरज उत्तरी गोलार्द्ध से होकर पुनः दक्षिणी गोलार्द्ध पहुचं जाता है। इस तरह से सूर्य वर्ष में दो बार भू-मध्य रेखा के ऊपर से गुजरता है। [[हिन्दू काल गणना|हिन्दू]] [[नव वर्ष]] एवं [[भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर]] व विश्व में अन्य कई नव वर्ष इसी समय के निकट ही आरंभ हुआ करते हैं।]
 
{{TOC}}{{-}}
 
== ग्रह पर स्थिति ==
{{solstice-equinox}}
Line 38 ⟶ 37:
File:Ecliptic path.jpg|<small>पृथ्वी के सूर्य की कक्षा में घूर्णन के कारण, भूमध्य रेखा (श्वेत) पर झुके हुए एक आकाशीय गोले (लाल) में सूर्य के घूर्णन की प्रतीति होती है।</small>
</gallery>
<gallery perrow="5">
File:equinox-0.jpg| 0° अक्षांश पर डे-आर्क ([[भूमध्य रेखा]])
File:equinox-20.jpg|20° अक्षांश पर डे-आर्क
"https://hi.wikipedia.org/wiki/विषुव" से प्राप्त