"ऊर्जा दक्षता ब्यूरो": अवतरणों में अंतर

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|name = ऊर्जा दक्षता ब्यूरो<br>Bureau of Energy Efficienccy
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'''ऊर्जा दक्षता ब्यूरो''' (Bureau of Energy Efficiency) [[भारत सरकार]] की एक एजेन्सी है जिसका लक्ष्य ऊर्जा दक्षता की सेवाओं को संस्थागत रूप देना है ताकि देश के सभी क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता के प्रति जागरूकता उत्पन्न हो। इसका गठन ऊर्जा संरक्षण अधिनियम २००१ के अन्तर्गत मार्च २००२ में किया गया था और यह यह विद्युत मन्त्रालय के अन्तर्गत कार्य करती है। <ref>{{cite web|title=THE ENERGY CONSERVATION ACT, 2001 No 52 OF 2001, Chapter III|url=http://www.beeindia.in/about_bee/documents/ec_act/act_detail/CHAPTER%20II.pdf|website=www.beeindia.in|accessdate=1 May 2015}}</ref> इस एजेन्सी का कार्य ऐसे कार्यक्रम बनाना है जिनसे भारत में ऊर्जा के संरक्षण और ऊर्जा के उपयोग में दक्षता (एफिसिएन्सी) बढ़ाने में मदद मिले। <ref name="Use">{{cite web|url=http://www.dayafterindia.com/aug109/textnav.html |title=The Action plan for Energy efficiency |date=1 August 2009 |work=The Day After |accessdate=2009-08-17 |deadurl=yes |archiveurl=https://web.archive.org/web/20090803204648/http://www.dayafterindia.com/aug109/textnav.html |archivedate=3 August 2009 }}</ref> भारत सरकार का प्रस्ताव है कि सन २०१० के पश्चात भारत में प्रयुक्त कुछ उपकरणों पर ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की ऊर्जा-दक्षता-रेटिंग अंकित किया जाना अनिवार्य होगा।<ref name="mandatory">{{cite news|url=http://sify.com/news/fullstory.php?a=jh5sOeeidgg|title=Mandatory energy efficiency ratings in the offing|date=2009-07-31<!-- 18:50:00-->|publisher=[[Sify]]|pages=1|accessdate=2009-08-19}}</ref>
 
यह ऊर्जा संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत सौंपे गए कार्यों को करने के लिए अभिहित उपभोक्ताओं, अभिहित अभिकरणों और अन्य संगठनों के साथ समन्वय करके वर्तमान संसाधनों और अवसंरचना को मान्यता देने, इनकी पहचान करने तथा इस्तेमाल का कार्य करता है।
 
==ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की भूमिका==
ऊर्जा संरक्षण अधिनियम में विनियामक (रेगुलेटरी) और संवर्द्धनात्मक कार्यों का प्रावधान है।
 
===विनियामक कार्य===
 
बीईई के प्रमुख विनियामक कार्यों में निम्नलिखित कार्य शामिल हैं-
 
* उपकरण और उपस्करों के लिए न्यूनतम ऊर्जा निष्पादन मानकों और लेबलिंग डिजाइन का विकास करना
* विशिष्ट ऊर्जा संरक्षण भवन निर्माण संहिता का विकास करना
* अभिहित उपभोक्ताओं पर केन्द्रित गतिविधियां
* विशिष्ट ऊर्जा खपत मानदण्डों का विकास करना
* उर्जा प्रबन्धकों और उर्जा संपरीक्षकों का प्रमाणन
* ऊर्जा संपरीक्षकों को प्रत्यायन
* अनिवार्य ऊर्जा संपरीक्षक का तरीका और आवधिकता निश्चित करना
* ऊर्जा खपत एवं ऊर्जा संपरीक्षकों की सिफारिशों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देने का प्रोफार्मा तैयार करना
 
===संवर्द्धनात्मक कार्य===
* ऊर्जा दक्षता और संरक्षण पर जागरूकता उत्पन्न करना एवं इसका प्रसार करना
* ऊर्जा के दक्ष उपयोग और इसके संरक्षण के लिए तकनीकों के कार्मिक और विशेषज्ञों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करना और उसका आयोजन करना
* ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में परामर्शी सेवाओं का सुदृढ़ीकरण
* अनुसन्धान और विकास का संवर्द्धन
* परीक्षण और प्रमाणन की पद्धतियों का विकास करना और परीक्षण सुविधाओं का संवर्द्धन करना
* प्रायोगिक परियोजनाओं तथा निदर्शन परियोजनाओं के कार्यान्वयन का निरूपण एवं सरलीकरण
* ऊर्जा दक्ष प्रक्रियाओं, उपकरण, युक्तियों और प्रणालियों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना
* ऊर्जा दक्ष उपकरण अथवा उपस्करों के इस्तेमाल के लिए तरजीही व्यवहार को प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठाना
* ऊर्जा दक्ष परियोजनाओं के नूतन निधियन को बढ़ावा देना
* ऊर्जा के दक्ष उपयोग को बढ़ावा देने और इसका संरक्षण करने के लिए संस्थाओं को वित्तीय सहायता देना
* ऊर्जा के दक्ष उपयोग और इसके संरक्षण पर शैक्षणिक पाठ्यक्रम तैयार करना
* ऊर्जा के दक्ष उपयोग और इसके संरक्षण से सम्बन्धित अंतरराष्ट्रीय सहयोग के कार्यक्रमों को क्रियान्वित करना
 
==सन्दर्भ==