"भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद": अवतरणों में अंतर

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===मौलिक आयुर्विज्ञान प्रभाग===
यह प्रभाग परिषद के तीन संस्‍थानों यथा- नई दिल्‍ली स्थित [[विकृतिविज्ञान संस्‍थान]], मुंबई स्थित [[राष्‍ट्रीय प्रतिरक्षा रुधिरविज्ञान संस्‍थान]], तथा [[बेलगांव]] स्थित [[क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसन्धान केन्द्र]] के सम्बन्ध में प्रशासनिक प्रभाग के रूप में कार्य करता है। यह देश के विभिन्‍न मेडिकल कॉलेजों और अनुसंधान संस्‍थानों में एक्‍स्‍ट्राम्‍युरल अनुसंधान को वित्‍तीय सहायता प्रदान करके जीवरसायन, कोशिका एंव आण्विक जैविकी, जीनोमिक्‍स एवं आण्विक चिकित्‍साविज्ञान, भेषजगुणविज्ञान, पारंपरिक चिकित्‍सा और रुधिरविज्ञान के क्षेत्रों में भी अनुसंधान को प्रोत्‍साहन देता है।
 
===जानपदिक रोगविज्ञान एवं संचारी रोग प्रभाग===
यह प्रभाग परिषद के 17 संस्‍थानों/केंद्रों के संबंध में प्रशासनिक प्रभाग के रूप में कार्य करता है। इन संस्‍थानों में सम्मिलित हैं – [[मदुरई]] स्थित आयुर्विज्ञान कीटविज्ञान अनुसंधान केंद्र, [[मुंबई]] स्थित आंत्रविषाणु अनुसंधान केंद्र, [[पुणे]] स्थित माइक्रोबियल कनटेनमेंट कॉपलेक्‍स, पुणे स्थित राष्‍ट्रीय एड्स अनुसंधान संस्‍थान, [[कोलकाता]] स्थित राष्‍ट्रीय हैज़ा तथा आंत्ररोग संस्‍थान, [[चेन्‍नई]] स्थित राष्‍ट्रीय जानपदिक रोगविज्ञान संस्‍थान, [[नई दिल्‍ली]] स्थित राष्‍ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्‍थान तथा देश के विभिन्‍न भागों में स्थित इसकी 10 फील्‍ड यूनिट्स, नई दिल्‍ली स्थित राष्‍ट्रीय आयुर्विज्ञान सांख्यिकी अनुसंधान संस्‍थान, पुणे स्थित राष्‍ट्रीय विषाणुविज्ञान संस्‍थान, [[आगरा]] स्थित राष्‍ट्रीय जालमा कुष्‍ठ एवं अन्‍य माइक्रोबै‍क्‍टीरियल रोग संस्‍थान, भुबनेश्‍वर[[भुवनेश्‍वर]] स्थित क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र, [[पोर्ट ब्‍लेयर]] स्थित क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र, [[जबलपुर]] स्थित क्षेत्रीय जनजातीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र, [[पटना]] स्थित राजेंद्रराजेन्द्र प्रसाद स्‍मारक आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्‍थान, चेन्‍नई स्थित यक्ष्‍मा अनुसंधान केंद्र, चेन्‍नई स्थित यक्ष्‍मा अनुसंधान केंद्र की जानपदिक रोगविज्ञान इकाई, [[पुडुचेरी]] स्थित रोगवाहक नियंत्रण अनुसंधान केंद्र तथा [[कोलकाता]] स्थित आईसीएमआर विषाणु केंद्र।केन्द्र।
 
इसके द्वारा देश के विभिन्‍न मेडिकल कॉलेजों और अनुसंधानअनुसन्धान संस्‍थानों में एक्‍स्‍ट्राम्‍युरल अनुसंधान को वित्‍तीय सहायता प्रदान करके जीवाणुज रोगों, अतिसारीय रोगों, प्रकोपों के अध्‍ययन, अन्‍य सूक्ष्‍मजीवी संक्रमणों, रोगवाहक जैविकी, विषाणुज रोगों के क्षेत्रों में भी अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाता है।
 
===असंचारी रोग प्रभाग===
यह प्रभाग परिषद केपांचके पांच संस्‍थानों/केंद्रों के संबंध में प्रशासनिक प्रभाग के रूप में कार्य करता है। इन संस्‍थानों में सम्मिलित हैं – [[जोधपुर]] स्थित [[मरूस्‍थलीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र]], [[नोएडा]] स्थित कौशिकी एवं निवारक अर्बुदशास्‍त्र संस्‍थान, [[अहमदाबाद]] स्थित राष्‍ट्रीय व्‍यावसायिक स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थान, [[भोपाल]] स्थित राष्‍ट्रीय पर्यावरणी स्‍वास्‍थ्‍य अनुसंधान संस्‍थान तथा [[डिब्रूगढ़]] स्थित क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र।
 
इस प्रभाग द्वारा देश के विभिन्‍न मेडिकल कॉलेजों और अनुसंधान संस्‍थानों में एक्‍स्‍ट्राम्‍युरल अनुसंधान को वित्‍तीय सहायता प्रदान करके अर्बु‍दविज्ञान, हृद्वाहिकीय रोगों, मधुमेह, मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य, तंत्रिकाविज्ञान, जराविद्या, विकलांग विद्या, अपंगता, आघात, मुखीय स्‍वास्‍थ्‍य, पर्यावरण एवं व्‍यावसायिक स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्रों में अनुसंधान के साथ-साथ पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में शोध गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाता है। यह प्रभाग इन क्षेत्रों में अन्‍य देशों के साथ अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोगी कार्यक्रमों का भी संचालन करता है।
 
===प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य और पोषण प्रभाग===
यह प्रभाग परि‍षद के पांच संस्‍थाओं/केन्‍द्रों के संबंध में प्रशासनि‍क प्रभाग के रूप में कार्य करता है। ये संस्‍थान/केन्‍द्र हैं- खाद्य औषध एवं वि‍षवि‍ज्ञान अनुसंधान केन्‍द्र, [[हैदराबाद]], आई सी एम आर आनुवंशि‍क अनुसंधान केन्‍द्र, मुम्‍बई, राष्‍ट्रीय प्रयोगशाला जंतुवि‍ज्ञान केन्‍द्र, हैदराबाद, राष्‍ट्रीय पोषण संस्‍थान, हैदाराबाद, राष्‍ट्रीय प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य अनुसंधान संस्‍थान, मुम्‍बई । इसके अलावा यह प्रभाग पोषण एवं नवजात स्‍वास्‍थ्‍य पर दो उन्‍नत अनुसंधान केन्‍द्रों और 31 मानव प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों के एक नेटवर्क से भी प्रशासनि‍क रूप में संबद्ध है।
 
इसके द्वारा देश के वि‍भि‍न्‍न मेडि‍कल कॉलेजों और अनुसंधान संस्‍थानों में एक्‍स्‍ट्राम्‍युरल अनुसंधान को वि‍त्‍तीय सहायता प्रदान करके प्रजनन क्षमता नि‍यमन, बंध्‍यता और प्रजनन वि‍कारों, पूर्व चि‍कि‍त्‍सीय प्रजनन ओर आनुवंशि‍क वि‍षवि‍ज्ञान, अस्‍थि‍सुषि‍रता, संरचनात्‍मक जैवि‍की, मातृ एवं शि‍शु स्‍वास्‍थ्‍य, कि‍शोरवय प्रजनन स्‍वास्‍थ्य, गर्भनि‍रोध, पोषण, कुपोषण एवं संक्रमण, ह्रासी रोगों, खाद्य जीवरसायन तथा खाद्य एवं औषध वि‍षवि‍ज्ञान के क्षेत्रों में भी अनुसंधान को बढ़ावा दि‍या जाता है।
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===स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली अनुसंधान सेल===
 
इस सेल द्वारा लोगों की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने के लि‍ए भारतीय स्‍वास्‍थ्‍य प्रणालि‍यों को सुदृढ़ बनाने और उन्‍हें बेहतर बनाने के उद्देश्‍य से अनुसंधान को सहायता प्रदान की जाती है।
 
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इस यूनिट द्वारा सामाजिक एवं व्‍यवहारात्‍मक अनुसंधान के क्षेत्र में टास्‍क फोर्स अध्‍ययनों/परियोजनाओं को वित्‍तीय सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। हाल के दिनों में जिन क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया है, वे हैं – किशोवय का प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य और यौन व्‍यवहार, महिलाओं के प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य से संबद्ध मामले, एचआईवी/एड्स और स्‍वास्‍थ्‍य सेवा अनुसंधान।
 
===अंतर्राष्‍ट्रीयअन्तर्राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य प्रभाग===
यह प्रभाग विशिष्‍ट समझौतों/सहमति ज्ञापनों के तत्‍वावधान में भारत और अन्‍य देशों की/अंतर्राष्‍ट्रीय एजेंसियों के बीच जैवआयुर्विज्ञान अनुसंधान में अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग को सुगम बनाता है और उसका समन्‍वयन करता है।