"राजा का दैवी सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 9:
प्राचीन भारत में प्रतिपादित दैवी सिद्धान्त सम्बन्धी विचारों की पाश्चात्य विचारों से तुलना करते हुए डॉ घोषाल ने कहा है-
*(१) राजतन्त्र ईश्वरकृत संस्था है।
|