"भूवैज्ञानिक समय-मान": अवतरणों में अंतर

→‎भूवैज्ञानिक काल एवं उनका निर्धारण: भूवैज्ञानिक कालों का निर्धारण करना सहज कार्य नहीं है।
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== भूवैज्ञानिक काल एवं उनका निर्धारण ==
भूवैज्ञानिक कालों निर्धारितका निर्धारण करना सहज कार्य नहीं है। समय-समय पर अनेक विद्वानों ने इस विषय पर कई सिद्धांत उपस्थितप्रतिपादित किए हैं। इन कालों (महाकल्पों, कल्पों तथा युगों) के विभाजन का पारम्परिक आधार [[यूरोप]] एवं [[उत्तर अमरीका]] के तटवर्ती [[सागरों]] की तलहटियों में हुए परिवर्तन हैं। कालों का विभाजन करनेवाली सीमाएँ वास्तविक न होकर मात्र सुविधानुसार हैं।
 
[[अकशेरुकीय]] [[जंतुओं]] के जीवन में परिवर्तन अथवा अवसादों के निक्षेपण में व्यवधान को लक्ष्य करके कालों को विभाजित कर लिया गया है। [[कैम्ब्रियन कल्प]] से लेकर [[नूतन महाकल्प]] तक, अनुमानतः, 50 करोड़ वर्षों का विस्तार रहा है। शिलाखंडों की पहचान कर लेने के बाद सबसे प्राचीन खंड की आयु तीन अरब वर्ष पूर्व की आँकी गई है। कैम्ब्रियन काल में ही पहली बार [[जीवाश्म]] दिखलाई पड़ते हैं; उनकी आयु 50 करोड़ पूर्व मानी गई है। इसका यह अर्थ नहीं निकालना चाहिए कि इसके पूर्व पृथ्वी पर जीवन था ही नहीं। जीवन अवश्यमेव था, नहीं तो जीवाश्म कहाँ से प्राप्त होते। यह दूसरी बात है कि जीवन के उस आदिम काल के प्रमाण हमें उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि उनका क्रमिक उद्विकास हो रहा था।