"समरूपता": अवतरणों में अंतर

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===त्रिभुजों की समरूपता का दैनिक जीवन में उपयोग===
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[[ImaeImage:SimilitudeHomothétieL.svg|right|thumb|300px|]]
दो समरूप त्रिभुजों के गुणों का उपयोग करते हुए बहुत सी लम्बाइयों (दूरियों) और ऊंचाइयों की गणना बड़ी आसानी से की जा सकती है।<ref>[https://study.com/academy/lesson/applications-of-similar-triangles.html Applications of Similar Triangles]</ref><ref>[http://www.passyworldofmathematics.com/similar-triangles-applications/ Similar Triangles Applications]</ref> विशेष बात यह है कि इस विधि से केवल कुछ आसानी से नापी जा सकने वाली दूरियाँ ही मापी जातीं हैं (कोण नहीं मापने पड़ते)। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आपको दिन में एक ध्वज-स्तम्भ की ऊँचाई निकालनी है। आप उसे सीधे माप नहीं सकते। आप समतल भूमि पर सूर्य के द्वारा बनी उसकी छाया की लम्बाई माप लीजिए। फिर १ मीटर लम्बी एक छड़ी की छाया की लम्बाई उसी समय माप लीजिए। बस इतने से ही उस ध्वज-स्तम्भ की लम्बाई की गणना की जा सकती है। यहाँ ध्वज-स्तम्भ और उसकी छाया का अनुपात, छड़ी और उसकी छाया के अनुपात के बराबर होगा। चूँकि इन चार राशियों में से केवल एक ही अज्ञात है, अतः ध्वज-स्तम्भ की ऊँचाई निकल जाएगी। ध्यान दीजिए कि यहाँ भी दो समरूप त्रिभुज बन रहे हैं- (१) ध्वज-स्तम्भ के आधार-बिन्दु, उसके शीर्ष बिन्दु, और उसकी छाया के शीर्ष बिन्दु से बना समकोण त्रिभुज, तथा (२) छड़ी के आधार-बिन्दु, उसके शीर्ष-बिन्दु तथा उसकी छाया के शीर्ष बिन्दु से बना समकोण त्रिभुज।