"भारतीय महाकाव्य": अवतरणों में अंतर

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हिंदी महाकाव्य सृजन की परंपरा में महाकाव्य के 3 तत्व कथावस्तु, नायक तथा रस मान्य हैं। कथावस्तु के 3 अंग विस्तार, विशालता व छंद वैविध्य, नायक के 3 अंग गुण धीरोदात्तता, शालीनता, प्रासंगिकता तथा रस के 3 गुण भाषा-शैली, अलंकार तथा भावानुभाव हैं।
 
== तमिल के महाकाव्य ==
* [[शिलप्पादिकारम]]
* मणिमेकलै
* [[जीवक चिन्तामणि]]
* [[वलैयापति]]
* [[कुण्डलकेसि]]
 
== इन्हें भी देखें==