"चौरी चौरा कांड": अवतरणों में अंतर

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== परिणाम ==
इस घटना के तुरन्त बाद गांधीजी ने असहयोग आन्दोलन को समाप्त करने की घोषणा कर दी। बहुत से लोगों को गांधीजी का यह निर्णय उचित नहीं लगा।<ref name="Vyas" /> विशेषकर क्रांतिकारियों ने इसका प्रत्यक्ष या परोक्ष विरोध किया [[गया]] कांग्रेस में [[रामप्रसाद बिस्मिल]] और उनके नौजवान सहयोगियों ने गांधीजी का विरोध किया।<ref name="Vyas" /> १९२२ की गया कांग्रेस में [[प्रेमकृष्ण खन्ना|खन्नाजी]] ने व उनके साथियों ने बिस्मिल के साथ कन्धे से कन्धा भिड़ाकर गांधीजी का ऐसा विरोध किया कि कांग्रेस में फिर दो विचारधारायेंविचारधाराएँ बन गयीं - एक उदारवादी या लिबरल, जिसे उस समय 'नरमदल' कहा गया और दूसरी विद्रोहीउग्रवादी या रिबेलिय जिसे उस समय 'गरमदल' कहा गया गांधीजीजी विद्रोही विचारधारा के नवयुवकों को कांग्रेस की आम सभाओं में विरोध करने के कारण हमेशा हुल्लड़बाज कहा करते थे।गया।
 
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==सन्दर्भ==