"जल का विद्युत अपघटन": अवतरणों में अंतर

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जब [[जल]] से होकर [[विद्युत धारा]] प्रवाहित की जाती है तो जल के [[अणु|अणुओं]] का विघटन हो जाता है और [[हाइड्रोजन]] एवं [[आक्सीजन]] प्राप्त होतीं हैं। इसे ही '''जल का विद्युत अपघटन''' (Electrolysis of water) कहते हैं। चूंकि शुद्ध जल, विद्युत का [[विद्युत चालकता|कुचालक]] है, इसलिये आसानी से कम वोल्टता लगाकर ही धारा प्रवाहित करने के लिये शुद्ध जल में बहुत कम मात्रा में [[अम्ल]] मिला दिया जाता है।है ताकि कम वोल्टता लगाकर ही जल से होकर आसानी से धारा प्रवाहित की जा सके।
 
जल के विद्युत-अपघटन में दो आंशिक अभिक्रियाएं होती हैं, जो दो इलेक्ट्रोड (कैथोड और एनोड) पर होती हैं। इस [[रेडॉक्स अभिक्रिया]] की समग्र प्रतिक्रिया यह है-
 
: <math>\mathrm{2\ H_2O(l)\ _{\overrightarrow {\rm विद्युत-अपघटन}}\ 2\ H_2(g) + O_2(g)}\qquad \Delta H^0 = \mathrm{+571,8\ kJ/mol}</math> (bei T = 298 K, p = 1,013 × 10^5 Pa)
 
[[चित्र:Electrolysis.svg|thumb]]