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सहकारी बैंक के प्रकार
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'''सहकारी बैंक''' (को-ऑपरेटिव बैंक) वे [[बैंक]] हैं जिनका गठन एवं कार्यकलाप [[सहकारिता]] के आधार पर होता है। विश्व के अधिकांश भागों में सहकारी बैंक हैं जो लोगों की पूँजी जमा करते हैं तथा लोगों को धन उधार देते हैं।
 
==उद्देश्य:-==
इन बैंकों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य [[कृषि]] एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए अधिक साख़साख-सुविधाएं उपलब्ध कराना हैहै। अतः ये संस्थाएं भी [[वित्तीय समावेशन]] में सहायक है।
 
;मुख्य बिंदुबिन्दु:-
* इनकी स्थापना “राज्य सहकारी समिति अधिनियम" के अनुसार की गई।
* इनका पंजीकरण “रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटी" के पास किया जाता है।
* इनका नियमन राज्य सरकार तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा आंशिक रूप से किया जाता है।
* सामान्यतः इनकी शाखाएं एक राज्य तक सीमित होती है।
 
==भारत में सहकारी बैंकों के प्रकार:-==
 
मुख्य बिंदु:-
इनकी स्थापना “राज्य सहकारी समिति अधिनियम" के अनुसार की गई।
इनका पंजीकरण “रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटी" के पास किया जाता है।
इनका नियमन राज्य सरकार तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा आंशिक रूप से किया जाता है।
सामान्यतः इनकी शाखाएं एक राज्य तक सीमित होती है।
भारत में सहकारी बैंकों के प्रकार:-
(1) प्राथमिक सहकरी साख समितियां
 
(2) केन्द्रीय अथवा जिला सहकारी बैंक
 
(3) राज्य सहकरी बैंक
 
(4) भूमि विकास बैंक
 
(1)===प्राथमिक सहकरी साख समितियां:-===
प्राथमिक सहकरी साख समितियां निम्नलिखित दो प्रकार की पाई जाती हैं-
I प्राथमिक कृषि सहकरी साख समितियां।
II प्राथमिक गैर-कृषि सहकरी साख समितियां।
 
I(१) प्राथमिक कृषि सहकरी साख समितियां:-समितियां।
 
(२) प्राथमिक गैर-कृषि सहकरी साख समितियां
 
I; प्राथमिक कृषि सहकरी साख समितियां। समितियां:-
इनकी स्थापना गांव व कस्बों मैं हुई है। यह समितियां किसानों को साख उपलब्ध कराने का कार्य करती हैं।
 
II प्राथमिक गैर-कृषि सहकरी साख समितियां।
II; प्राथमिक गैर-कृषि सहकरी साख समितियां।समितियां
इनकी स्थापना कोई नगर या कस्बा होता है इनमें सदस्य कारीगर मजदूर या दुकानदार होते हैं ऐसी समितियां शहरी क्षेत्रों में शुल्क डेलिस के सिद्धांत पर बनाई जाती हैं।
(2) केन्द्रीय अथवा जिला सहकारी बैंक:-
केंद्रीय बैंक दो प्रकार के होते हैं-
I वे बैंक जिनमें केवल प्राथमिक समितियों को ही सदस्य बनाया जाता है।
II विवेक जैन में समितियों के अलावा अन्य व्यक्तिय को भी सदस्य बन सकते हैं।
 
(2)=== केन्द्रीय अथवा जिला सहकारी बैंक:-===
कार्यक्षेत्र-केंद्रीय बैंक का कार्यक्षेत्र संबंधित जिला होता है। जिले में स्थित समस्त सहकारी समितियां अनिवार्य रूप से इसकी सदस्यता ग्रहण करती हैं इस प्रकार यह जिले की समस्त प्राथमिक साख समितियों को नियंत्रण करता है।
केंद्रीय सहकारी बैंक दो प्रकार के होते हैं-
 
I(१) वे बैंक जिनमें केवल प्राथमिक समितियों को ही सदस्य बनाया जाता है।
 
II(२) विवेकवे जैनबैंक मेंजिनमें समितियों के अलावा अन्य व्यक्तियव्यक्ति को भी सदस्य बन सकते हैं।
 
'''कार्यक्षेत्र''' - केंद्रीय बैंक का कार्यक्षेत्र संबंधित जिला होता है। जिले में स्थित समस्त सहकारी समितियां अनिवार्य रूप से इसकी सदस्यता ग्रहण करती हैं इस प्रकार यह जिले की समस्त प्राथमिक साख समितियों को नियंत्रण करता है।
 
(3)=== राज्य सहकरी बैंक:-===
राज्य सहकारी बैंक सहकारी साख संगठन की सर्वोच्च संस्था है। जिस प्रकार गांव गांव एवं स्थान स्थान पर फैली हुई साख समितियों के नियंत्रणनियन्त्रण जिले पर स्थित केंद्रीय बैंक करता है, उसी प्रकार राज्य भर में फैले हुए समस्त केंद्रीय बैंकों को राज्य सहकारी बैंक संगठित करता है। इस रूप में यह बैंक समस्त राज्य भर में फैली हुई कृषि सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था है।
 
(4)=== भूमि विकास बैंक:-===
भूमि विकास बैंक बैंक हैं जो कृषकों को उनकी भूमि बंधक रखकर कृषि विकास कार्यक्रमों के लिए दीर्घकालीन ऋण प्रदान करती हैं