"भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण": अवतरणों में अंतर

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'''भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण''' (भा.पु.स.) [[भारत]] की सांस्‍कृतिक विरासतों के [[पुरातत्त्वशास्त्र|पुरातत्‍वीय अनुसंधान]] तथा संरक्षण के लिए एक प्रमुख संगठन है। भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण का प्रमुख कार्य राष्‍ट्रीय महत्‍व के प्राचीन स्‍मारकों तथा पुरातत्‍वीय स्‍थलों और अवशेषों का रखरखाव करना है। इसके अतिरिक्‍त, प्राचीन संस्‍मारक तथा पुरातत्‍वीय स्‍थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के प्रावधानों के अनुसार यह देश में सभी पुरातत्‍वीय गतिविधियों को विनियमित करता है। यह पुरावशेष तथा बहुमूल्‍य कलाकृति अधिनियम, 1972 को भी विनियमित करता है। यह [[संस्‍कृति मंत्रालय]] के अधीन है।<ref>{{cite web|url=http://asi.nic.in/asi_aboutus.asp}}</ref>
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* [http[चित्र://wwwKanheri Caves prayer hall.asi.nic.in/index_hn.asp JPG|अंगूठाकार|भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण काविभाग जालघर]]
 
'''भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण''' (भा.पु.स.) [[भारत]] की सांस्‍कृतिक विरासतों के [[पुरातत्त्वशास्त्र|पुरातत्‍वीय अनुसंधान]] तथा संरक्षण के लिए एक प्रमुख संगठन है। भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण काइसका प्रमुख कार्य राष्‍ट्रीय महत्‍व के प्राचीन स्‍मारकों तथा पुरातत्‍वीय स्‍थलों और अवशेषों का रखरखाव करना है। इसके अतिरिक्‍त, प्राचीन संस्‍मारक तथा पुरातत्‍वीय स्‍थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के प्रावधानों के अनुसार यह देश में सभी पुरातत्‍वीय गतिविधियों को विनियमित करता है। यह पुरावशेष तथा बहुमूल्‍य कलाकृति अधिनियम, 1972 को भी विनियमित करता है। यह [[संस्‍कृति मंत्रालय]] के अधीन है।<ref>{{cite web|url=http://asi.nic.in/asi_aboutus.asp}}</ref>
 
राष्‍ट्रीय महत्‍व के प्राचीन स्‍मारकों तथा पुरातत्‍वीय स्‍थलों तथा अवशेषों के रखरखाव के लिए सम्‍पूर्ण देशभारत को 24 मंडलों में विभाजित किया गया है। संगठन के पास मंडलों, संग्रहालयों, उत्‍खनन शाखाओं, प्रागैतिहासिक शाखा, पुरालेख शाखाओं, विज्ञान शाखा, उद्यान शाखा, भवन सर्वेक्षण परियोजना, मंदिर सर्वेक्षण परियोजनाओं तथा अन्‍तरजलीय पुरातत्‍व स्‍कन्‍ध के माध्‍यम से पुरातत्‍वीय अनुसंधानअनुसन्धान परियोजनाओं के संचालन के लिए बड़ी संख्‍या में प्रशिक्षित पुरातत्‍वविदों, संरक्षकों, पुरालेखविदों, वास्तुकारों तथा वैज्ञानिकों का कार्य दलकार्यदल है।
 
राष्‍ट्रीय महत्‍व के प्राचीन स्‍मारकों तथा पुरातत्‍वीय स्‍थलों तथा अवशेषों के रखरखाव के लिए सम्‍पूर्ण देश को 24 मंडलों में विभाजित किया गया है। संगठन के पास मंडलों, संग्रहालयों, उत्‍खनन शाखाओं, प्रागैतिहासिक शाखा, पुरालेख शाखाओं, विज्ञान शाखा, उद्यान शाखा, भवन सर्वेक्षण परियोजना, मंदिर सर्वेक्षण परियोजनाओं तथा अन्‍तरजलीय पुरातत्‍व स्‍कन्‍ध के माध्‍यम से पुरातत्‍वीय अनुसंधान परियोजनाओं के संचालन के लिए बड़ी संख्‍या में प्रशिक्षित पुरातत्‍वविदों, संरक्षकों, पुरालेखविदों, वास्तुकारों तथा वैज्ञानिकों का कार्य दल है।
परिचय
==स्मारक==
वर्तमान में ३६५० से अधिक प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थलों और राष्ट्रीय महत्व का अवशेष उपस्थित हैं। ये स्मारक विभिन्न काल से संबंधित हैं, प्रागैतिहासिक काल से औपनिवेशिक काल तक और विभिन्न भौगोलिक संरचना में स्थित हैं। वे मंदिरों, मस्जिदों, कब्रों, चर्चों, कब्रिस्तान, किलों, महलों, कदम-कुएं, रॉक-कट गुफाओं और धार्मिक वास्तुकला के साथ-साथ प्राचीन घाटियों और स्थलों को भी शामिल करते हैं, जो प्राचीन निवास के अवशेषों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
 
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के विभिन्न मंडलों के माध्यम से यह स्मारक और साइटें संरक्षित और रक्षित की जाती हैं, जो पूरे देश में फैली हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के उपकार्यालय इन स्मारकों और संरक्षण गतिविधियों पर शोध करते हैं,हैं। इसका मुख्यालय जबकि [[देहरादून]] केमें मुख्यालयहै केऔर साथइसकी ,विज्ञान शाखा रासायनिक संरक्षण और बागवानी शाखा के साथ ,[[आगरा]] में ,अपने मुख्यालय के साथ ,बागानों और पर्यावरणीय विकास के लिए उत्तरदायी स्थित है।
 
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए.एस.आई.) ब्रिटिश पुरातत्वशास्त्री विलियम जोन्स, द्वारा [[१५ जनवरी]], [[१७८४]] को स्थापित [[एशियाटिक सोसायटी]] का उत्तराधिकारी है। सन [[१७८८]] में इसका पत्र द एशियाटिक रिसर्चेज़ प्रकाशित होना आरम्भ हुआ था और सन [[१८१४]] में इसका प्रथम संग्रहालय [[बंगाल]] में बना।
 
ए.एस.आई. अपने वर्तमान रूप में सन १८६१ में ब्रिटिश शासन के अधीन [[[[अलेक्ज़ैंडर कन्निघम]]|सर अलेक्ज़ैंडर कन्निघम]] द्वारा, तत्कालीन वाइसरॉय चार्ल्स जॉन कैनिंग की सहायता से स्थापित हुआ था। उस समय इसके क्षेत्र में [[अफगानिस्तान]] भी आता था। सन [[१९४४]] में, जब मॉर्टिमर व्हीलर महानिदेशक बने, तब इस विभाग का मुख्यालय, रेलवे बोर्ड भवन, [[शिमला]] में स्थित था। स्वतंत्रता उपरांत, यह सन १९५८ की प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल एवं अवशेष धारा के अन्तर्गत आया।
 
अभी हाल ही में खुदाई में निकले अवशेषों में हर्ष-का-टीला, [[थानेसर]], [[हरियाणा]] के अवशेशः हैं। इनसे [[कुशाण वंश|कुशाण काल]] से [[मध्यकालीन भारत|मध्यकाल के भारत]] की सांस्कृतिक झलक मिलती है।
[[File:Caution stone Superintendent archaeology Gwalior State.jpg|thumb|300px|उदयगिरि की गुफा में पुरातत्व विभाग ग्वालियर राज्य द्वारा लगाया गई सूचना शिला]]
 
== महानिदेशक ==
* 1871 - 1885 [[अलेक्ज़ैंडर कन्निघम]]
* 1886 - 1889 [[जेम्स बर्गस]]
* 1902 - 1928 [[जॉन मार्शल (पुरातत्वशास्त्री)]]
* 1928 - 1931 [[हैरोल्ड हर्ग्रीव्स]]
* 1931 - 1935 [[राय बहादुर दया राम साहनी]]
* 1935 - 1937 [[जे.एफ.ब्लॅकिस्टन]]
* 1937 - 1944 [[राय बहादुर के.एन.दीक्षित]]
* 1944 - 1948 [[सर मॉर्टिमर व्हीलर]]
* 1948 - 1950 [[एन.पी.चक्रवर्ती]]
* 1950 - 1953 [[माधव स्वरूप वत्स]]
* 1953 - 1968 [[ए.घोष (पुरातत्वशास्त्री)|ए.घोष]]
* 1968 - 1972 [[बी.बी.लाल]]
* 1972 - [[देशपांडे (पुरातत्वशास्त्री)]]
* - [[बी.के.थापर (पुरातत्वशास्त्री)]]
* वर्तमान में -- सी.बाबू.राजीव
 
 
==उत्खनन ==
 
==संरक्षण तथा परिरक्षण==
 
==पुरालेखीय अध्ययन==
 
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==विधान==
 
==प्रकाशन==
 
==पुरातत्व संस्थान ==
 
==केंद्रीय पुरावशेष संग्रह==
 
==राष्ट्रीय मिशन ==
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==अन्तर जलीय पुरातत्व==
 
==विदेशों में गतिविधियाँ==
 
==उद्यान पुरातत्व सर्वेक्षण==
 
==चित्रदीर्घा ==
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
==सन्दर्भ ==
* [http://www.asi.nic.in/index_hn.asp भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का जालघर]
{{टिप्पणीसूची}}
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[एशिया एवं ऑस्ट्रेलेशिया में विश्व धरोहर स्थल#भारत]]
* [[भारत में विश्व धरोहर स्थल]]
* [[भारतीय सर्वेक्षण विभाग]]
* [[भारतीय भूगर्भीय सर्वेक्षण विभाग]]
* [[महाबलीपुरम]]
 
== बाहरी कड़ियाँकड़ियां ==
* [http://www.asi.nic.in/asi_hn_aboutus.asp '''भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण''' का आधिकारिक जालस्थल]
* [http://books.google.co.in/books?id=58e2pvtcuAgC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false पुरातत्व का रोमांस] (गूगल पुस्तक ; लेखक - भगवतशरण उपाध्यया)
* [http://books.google.co.in/books?id=NKQdhAN3mMwC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=true भारतीय पुरातत्व और प्रागैतिहासिक संस्कृतियाँ]
 
==सन्दर्भ ==
* [http://www.worldheritagesite.org/alltentative.html विश्व धरोहर स्थल, सभी अपेक्षित स्थल] - यहां सभी अपेक्षित स्थलों की सूची है, जो कि [[जनवरी]] [[२००७]] तक उद्धृत है।
* [http://whc.unesco.org/en/tentativelists/state=in विश्व धरोहर, अपेक्षित सूची, राष्ट्र: भारत]
* [http://whc.unesco.org/en/tentativelists/1090/ धौलावीर: एक हड़प्पन शहर, जिला : कच्छ, गुजरात, भारत (एशिया एवं प्रशांत), समर्पण तिथि:०३/०७/१९९८, समर्पणकर्ता: भा.पुरा.सर्वे. विभाग, निर्देशांक 23°53'10" N, 70°11'03" E, Ref.: 1090 Ref.: 1090]
* [[http://www.puratatva.com/home]] पुरातत्व- भारत की पहली पुरातात्विक विशेष वेबसाइट /संस्था ]
 
[[श्रेणी:पुरातात्विक संगठन]]
[[श्रेणी:भारत का पुरातत्व विज्ञान]]