"भारत का संविधान": अवतरणों में अंतर

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{{भारत के राष्ट्रपति|Bidhan Singh}}
{{Constitution of India| President Swearing-in (2017/2019}}
 
 
[[File:Dr. Babasaheb Ambedkar, chairman of the Drafting Committee, presenting the final draft of the Indian Constitution to Dr Rajendra Prasad on 25 November, 1949.jpg|thumb|right|300px|डॉ॰[[बाबा बी आर आंबेडकरसाहेब अंबेडकर|संविधान सभा के अध्यक्ष [[डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद]] को [[भारतीय संविधान]] सुपुर्द करते हुए डॉ॰ बी आर आंबेडकर]], 26 नवंबरनवम्बर 1949]]
 
'''भारत का संविधान''',[[भारत]] का सर्वोच्च [[विधि|विधान]] है जो [[संविधान सभा]] द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के [[संविधान दिवस (भारत)|संविधान दिवस]] के रूप में घोषित किया गया है जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में [[गणतंत्र दिवस (भारत)|गणतन्त्र दिवस]] के रूप में मनाया जाता है।<ref>{{cite web|title=Preface, The constitution of India|url=http://india.gov.in/sites/upload_files/npi/files/coi_preface.pdf|website=http://india.gov.in/my-government/constitution-india/constitution-india-full-text|publisher=Government of India|accessdate=5 February 2015}}</ref><ref name="law_min_intro">{{cite web |url=http://indiacode.nic.in/coiweb/introd.htm |title=Introduction to Constitution of India |accessdate=2008-10-14 |publisher=Ministry of Law and Justice of India |date=29 July 2008}}</ref>
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भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ
भारत के संविधान में वर्तमान में आज भी केवल 395 अनुच्छेद ही है। केवल इन अनुच्छेदों का विस्तार ही किया गया है। एवं संविधान में वर्णित 395 अनुच्छेदों के अतिरिक्त एक भी नवीन अनुच्छेद नही है। वर्तमान में भारतीय संविधान में 12 अनुसूची और 22 भाग है
भारत के मूल संविधान में आठ अनुसूचियाँ थी परन्तु वर्तमान में भारतीय संविधान में बारह अनुसूचियाँ है। संविधान में नौवी अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन 1951, 10वीं अनुसूची 52वें संविधान संशोधन 1985, 11वीं अनुसूची 73वें संविधान संशोधन1992 एवं बाहरवीं अनुसूची 74वें संविधान संशोधन 1992 द्वारा सम्मिलित किया गया। Jay jawan jai kisan।
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== संक्षिप्त परिचय ==
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संविधान की सातवीं अनुसूची में संसद तथा राज्‍य विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। अवशिष्‍ट शक्तियाँ संसद में विहित हैं। केन्‍द्रीय प्रशासित भू-भागों को संघराज्‍य क्षेत्र कहा जाता है।
=== भारतीय संविधान के भाग ==
 
****=== भारतीय संविधान के भाग ===
भारतीय संविधान 22 भागों में विभजित है तथा इसमे 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियां है ।हैं।
 
{|class='wikitable'
भाग विषय अनुच्छेद
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भाग I संघ और उसके क्षेत्र (अनुच्छेद 1-4)
! भाग !! विषय !! अनुच्छेद
 
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भाग II नागरिकता (अनुच्छेद 5-11)
| भाग I || संघ और उसके क्षेत्र || (अनुच्छेद 1-4)
 
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भाग III मूलभूत अधिकार (अनुच्छेद 12 - 35)
| भाग II || नागरिकता || (अनुच्छेद 5-11)
 
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भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्व (अनुच्छेद 36 - 51)
| भाग III || मूलभूत अधिकार || (अनुच्छेद 12 - 35)
 
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भाग IVA मूल कर्तव्य (अनुच्छेद 51A)
| भाग IV || राज्य के नीति निदेशक तत्व || (अनुच्छेद 36 - 51)
 
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भाग V संघ (अनुच्छेद 52-151)
| भाग IVA || मूल कर्तव्य || (अनुच्छेद 51A)
 
|-
भाग VI राज्य (अनुच्छेद 152 -237)
| भाग V || संघ || (अनुच्छेद 52-151)
 
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भाग VII संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा निरसित
| भाग VI || राज्य || (अनुच्छेद 152 -237)
 
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भाग VIII संघ राज्य क्षेत्र (अनुच्छेद 239-242)
| भाग VII || संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा निरसित
 
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भाग IX पंचायत (अनुच्छेद 243- 243O
| भाग VIII || संघ राज्य क्षेत्र || (अनुच्छेद 239-242)
 
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)
| भाग IXA नगर्पालिकाएं IX || पंचायत || (अनुच्छेद 243P 243- 243ZG243O)
|-
 
| भाग X अनुसूचित औरIXA || नगर्पालिकाएं जनजाति|| क्षेत्र (अनुच्छेद 244243P - 244A243ZG)
|-
 
| भाग XI संघ X || अनुसूचित और राज्योंजनजाति केक्षेत्र बीच|| संबंध (अनुच्छेद 245244 - 263244A)
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| भाग XII वित्त, संपत्ति,XI संविदाएं|| संघ और वाद राज्यों के बीच संबंध || (अनुच्छेद 264245 -300A 263)
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| भाग XIII भारत केXII राज्य|| क्षेत्र के भीतरवित्त, व्यापारसंपत्ति, वाणिज्यसंविदाएं और समागम वाद || (अनुच्छेद 301264 - 307300A)
|-
 
| भाग XIV संघ औरXIII राज्यों|| भारत के अधीनराज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम || सेवाएं (अनुच्छेद 308301 -323 307)
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| भाग XIVA अधिकरण XIV || संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं || (अनुच्छेद 323A308 - 323B323)
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| भाग XV निर्वाचन XIVA || अधिकरण || (अनुच्छेद 324323A -329A 323B)
|-
 
| भाग XVI कुछ वर्गोंXV के|| लिएनिर्वाचन विशेष|| उपबंध संबंध (अनुच्छेद 330-324 342-329A)
|-
 
| भाग XVII राजभाषा XVI || कुछ वर्गों के लिए विशेष उपबंध संबंध || (अनुच्छेद 343330- 351342)
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| भाग XVIII आपात उपबंध XVII || राजभाषा || (अनुच्छेद 352 343- 360351)
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| भाग XIX प्रकीर्ण XVIII || आपात उपबंध || (अनुच्छेद 361352 -367 360)
|-
 
| भाग XX संविधान केXIX संशोधन || प्रकीर्ण || (अनुच्छेद 361 -367)
|-
 
| भाग XX || संविधान के संशोधन || अनुच्छेद
भाग XXI अस्थाई संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध (अनुच्छेद 369 - 392)
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| भाग XXI || अस्थाई संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध || (अनुच्छेद 369 - 392)
भाग XXII संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन (अनुच्छेद 393 - 395)
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| भाग XXII || संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन || (अनुच्छेद 393 - 395)
|}
 
== इतिहास ==
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(अब तक 124 संविधान संशोधन विधेयक संसद में लाये गये हैं जिनमें से 103 संविधान संशोधन विधेयक पारित होकर संविधान संशोधन अधिनियम का रूप ले चुके हैं। 124वां संविधान संशोधन विधेयक 9 जनवरी 2019 को संसद में #अनुच्छेद_368 【संवैधानिक संशोधन】के विशेष बहुमत से पास हुआ, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को शैक्षणिक संस्थाओं म
8 अगस्त 2016 को संसद ने वस्तु और सेवा कर (GST) पारित कर 101वाँ संविधान संशोधन किया।)
 
=== अनुसूचियाँ ===
'''पहली अनुसूची''' - (अनुच्छेद 1 तथा 4) - राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्र का वर्णन।
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[[भारत]] ने एक मिश्रित फल का भाग है आर्थिक मॉडल को अपनाया है। सरकार ने समाजवाद के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई कानूनों जैसे अस्पृश्यता उन्मूलन, जमींदारी अधिनियम, समान वेतन अधिनियम और बाल श्रम निषेध अधिनियम आदि बनाया है।
 
=== पन्थनिरपेक्ष ===
=== पंथनिरपेक्ष ===
{{main|धर्मनिरपेक्षता}}
'''धर्मनिरपेक्ष''' शब्द संविधान के 1976 में हुए 42वें संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया। यह सभी धर्मों की समानता और धार्मिक सहिष्णुता सुनिश्चीत करता है। [[भारत]] का कोई आधिकारिक धर्म नहीं है। यह ना तो किसी धर्म को बढावा देता है, ना ही किसी से भेदभाव करता है। यह सभी धर्मों का सम्मान करता है व एक समान व्यवहार करता है। हर व्यक्ति को अपने पसन्द के किसी भी धर्म का उपासना, पालन और प्रचार का अधिकार है। सभी नागरिकों, चाहे उनकी धार्मिक मान्यता कुछ भी हो कानून की नजर में बराबर होते हैं। सरकारी या सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों में कोई धार्मिक अनुदेश लागू नहीं होता।
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ये पांच शर्ते किसी संविधान को संघात्मक बनाने हेतु अनिवार्य हैं। भारत में ये पांचों लक्षण संविधान में मौजूद हैं अतः यह संघात्मक है। परंतु भारतीय संविधान में कुछ विभेदकारी विशेषताएँ भी हैं:
 
=== भारतीय संविधान मे कुछ विभेदकारी विशेषताएँ भी हैहैं ===
*1. यह संघ राज्यों के परस्पर समझौते से नहीं बना है
*2. राज्य अपना पृथक संविधान नहीं रख सकते है, केवल एक ही संविधान केन्द्र तथा राज्य दोनो पर लागू होता है