"सीधी ज़िला": अवतरणों में अंतर

आशीष कुमार
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'''सीधी ''' [[मध्य प्रदेश]] के उत्तर-पूर्व छोर पर स्थित जिला है। इसका [[मध्य प्रदेश]] में एक ऐतिहासिक स्थान है। सीधी जिले का प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है। [[सोन]] इस जिले की महत्वपूर्ण [[नदी]] है। यह नदी प्राकृतिक संपदा से भरपूर है। [[सिंगरौली]] (24 मई 2008 को सीधी जिला से अलग हुआ) बहुत बड़ा कोयला उत्पादन क्षेत्र है। इससे देश भर के कई उद्योग को कोयले की आपूर्ति की जाती है। यहीं पर [[विंध्याचल सुपर थर्मल पावर स्टेशन]] स्थित है, जिससे बहुत बड़े क्षेत्र में विद्युत की आपूर्ति होती है।m
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'''सीधी ''' [[मध्य प्रदेश]] के उत्तर-पूर्व छोर पर स्थित जिला है। इसका [[मध्य प्रदेश]] में एक ऐतिहासिक स्थान है। सीधी जिले का प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है। [[सोन]] इस जिले की महत्वपूर्ण [[नदी]] है। यह नदी प्राकृतिक संपदा से भरपूर है। [[सिंगरौली]] (24 मई 2008 को सीधी जिला से अलग हुआ) बहुत बड़ा कोयला उत्पादन क्षेत्र है। इससे देश भर के कई उद्योग को कोयले की आपूर्ति की जाती है। यहीं पर [[विंध्याचल सुपर थर्मल पावर स्टेशन]] स्थित है, जिससे बहुत बड़े क्षेत्र में विद्युत की आपूर्ति होती है।mहै।
 
सीधी जिला राज्य के उत्तर-पूर्वी सीमा पर 22’’, 47’’5’ और 24.42’’10’’ उत्तर अक्षांश और 81ः18’’40 और 82’’48’’30 पूर्व देशांतर के मध्य स्थित है। सीधी जिला रीवा संभाग के 4 जिलों में से एक है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सीधी की दूरी 632 कि॰मी॰ है। वहीं संभागीय मुख्यालय से इसकी दूरी 80 कि॰मी॰ है। यह जिला पूर्व-पश्चिम में 155 और उत्तर-दक्षिण में 95 कि॰मी॰ क्षेत्र में फैला है। इसका कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 10,532 कि॰मी॰ है।
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विंध्यांचल सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन एक बड़े क्षेत्र में बिजली पहुँचाता है।
 
2006 में पंचायती राज मंत्रालय ने सीधी को देश के सबसे पिछड़े 250 जिलो की सूची में शामिल किया था। यह मध्य प्रदेश के उन 24 जिलों में से एक है जिन्हें पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष (BRGF) कार्यक्रम के तहत अनुदान मिलता है। सीधी में आय का प्रमुुुुख स्‍त्रोत कृष‍ि है।सीधी जिले में राष्ट्रीय उद्यान भी है जो दुबई में पड़ता है सीधी से 80 किलोमीटर दूर हैहै।
 
== सीधी के शासक ==
17वीं शताब्दी में दोतीन अलग अलग शासक सीधी के दोतीन क्षेत्रों पर शासन करते थे,जिनमे से मड़वास राज्य मुख्य था:
* बर्दी (खटाई) के चंदेला शासक।
* राजासाहब मडवास ने मझौली खंड पर शासन किया।
* मड़वास के बालेंदु शासक ।
* सिंगरौली के राजासाहब।
मड़वास राज्य बालेंदु शासकों की राजधानी थी। जंगलों में राज्य करने वाले ये मुख्य शासक हुआ करते थे। इनका शासन बिहार के सासाराम से लेकर उत्तरप्रदेश के सोनभद्र,सीधी जिले के मड़वास,शहडोल के बिछिया तथा छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले तक फैला हुआ था। जिनकी राजधानी मड़वास थी। इनके राज्य के जंगलों में मुख्यतः सर्वाधिक हाथियों की संख्या थी।
इनके बाद कसौटा, रीवा से बघेल राजपूत आये। इनका आगमन सीधी में 19वीं शताब्दी में हुआ। तब से लेकर भारत की स्वतंत्रता तक इन्होने पश्चिमी सीधी (चुरहट/रामपुर) पर राज किया। चुरहट के अंतिम राजा राव रणबहादुर सिंह, अर्जुन सिंह के बड़े भाई थे।
 
राजा कृषणदेव सिंह मड़वास राज्य के सफल शासक थे।
 
राजा कान्तदेव सिंह बर्दी खटाई अभी भी सोन के किनारे स्थित अपनी पुश्तैनी हवेली में रहते हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं।
 
राजा अभ्युदय सिंह मड़वास भी मड़वास गढ़ी में ही निवासरत हैं। तथा वे सीधी जिले के वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं।
 
== भूगोल ==