"समानता": अवतरणों में अंतर

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== राजनीतिक समानता==
राजनीतिक स्वतंत्रता का मतलब बुनियादी तौर पर [[सार्वजनीन मताधिकार]] और [[प्रतिनिधिक सरकार]] है। सार्वजनीन मताधिकार का मतलब यह है कि सभी वयस्कों को मत देने का अधिकार है और एक व्यक्ति का एक ही मत होता है। प्रतिनिधिक सरकार का अर्थ यह है कि सभी को बिना किसी भेदभाव के चुनाव में स्पर्धा में खड़े होने का अधिकार है और वह सार्वजनिक सेवा के लिए चुनाव में खड़ा होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सभी को मत देने के लिए विवश किया जा सकता है और प्रत्येक को अपनी पसन्द जाहिर करनी है या यदि कुछ लोगों को गलत प्रभाव डालकर मतदान करने से विमुख कर दिया जाता है या चाहे जिसे मत देने के लिए राजी कर लिया जाता है तो उसके संबंध में राज्य कुछ खास नहीं कर सकता और अगर ज्यादातर लोग या काफी बड़ी संख्या में लोग मतदान नहीं करते और इस प्रकार सरकार के प्रतिनिधिक स्वरूप को कमजोर करते हैं तो राजनीतिक समानता की शुद्ध उदारवादी समझ के अनुसार किसी प्रकार की राजनीतिक असमानता का आरोप भी नहीं लगाया जा सकता है। (उदाहरण के लिए, अमरीका में, जो सभी नागरिकों को पूर्ण राजनीतिक स्वतंत्रता और समानता प्रदान करने वाला लोकतंत्र होने का दावा करता है, लगभग केवल आधे लोग ही चुनावों में मतदान करते हैं। जो लोग मतदान नहीं करते वे मुख्य रूप से गरीब तबके के या काले लोग और उनमें से भी खासतौर से गरीब काले लोग होते हैं। उदारवादी परंपरा में यह कोई चिंता का विषय नहीं है- संवैधानिक रूप से तो समानता की गारंटी दे दी गई है और वह सबको मिली हुई है।)
 
मात्र तकनीकी तौर या संवैधानिक रूप से गारंटी की गई राजनीतिक समानता का मतलब भी सच्ची राजनीतिक समानता नहीं होती, क्योंकि देखा गया है कि प्रमुख उदारवादी लोकतंत्रों में पैसे की ताकत एक प्रमुख भूमिका निभाती है। जिन लोगों, समूहों या वर्गों के पास यह ताकत होती है वे अगर इसका इस्तेमाल करने को तत्पर रहते हैं तो उन्हें अपने राजनीतिक हितों को आगे बढ़ाने में इससे इतनी ज्यादा मदद मिलती है कि उसकी काट करना कठिन होता है। इस प्रकार अकेले पैसे की ताकत आमतौर पर अक्सर चुनावों के परिणामों को नियंत्रित करने में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।