"शिक्षण विधियाँ": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
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=== प्रश्नोत्तर विधि (सुकराती विधि) ===
'''[[प्रश्न]]''' यद्यपि एक युक्ति है फिर भी [[सुकरात]] ने प्रश्नोत्तर को एक विधि के रूप में प्रयोग करके इसे अधिक महत्व प्रदान किया है। इसी से इसे '''सुकराती विधि''' कहते हैं। इसमें प्रश्नकर्ता से ही प्रश्न किए जाते हैं और उसके उत्तरों के आधार पर उसी से प्रश्न करते-करते अपेक्षित उत्तर निकलवा लिया जाता है।
काउलर के अनुसार- "शिक्षण मुख्य रूप से प्रश्नों के द्वारा होना चाहिए। "
;प्रश्न पूछने की आवश्यकता एवं महत्व :-
* (१) पूर्व ज्ञान का पता लगाकर आगे आने वाले ज्ञान से उसका सम्बन्ध जोड़ने के लिए,
* (२) यह ज्ञात करने के लिए कि बच्चे ने पढ़े हुए पाठ से कितना ज्ञान अर्जित किया है,
* (३) बच्चों की समस्याओं को जानने और उनके विवरण हेतु।
;प्रश्न कैसे होने चाहिए-
*(१) प्रश्न की भाषा स्पष्ट व निश्चित होनी चाहिए जिससे छात्र प्रश्न को भलीभांति समझ सकें,
*(२) प्रश्नों की रचना बालक के व्यावहारिक भाषा के अनुसार की जानी चाहिए,
*(३) प्रश्न, उद्देश्य के साथ सम्बंधित होना चाहिए,
*(४) प्रश्नों का क्रम तर्कसंगत होना चाहिए।
=== करके सीखना ===
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